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Saturday, July 27, 2024

ज्ञानवापी की ASI सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक करने को लेकर आया बड़ा फैसला

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वाराणसी। ज्ञानवापी (Gyanvapi) में हुए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) सर्वे की रिपोर्ट को सार्वजनिक करने को लेकर बड़ा फैसला सामने आया है; जिसके अनुसार 24 जनवरी तक न तो (ASI) सर्वे की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाएगी और न ही मंदिर या मस्जिद पक्ष को दी जाएगी।

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वाराणसी जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत ने एएसआई (ASI) का आवेदन स्वीकार कर लिया है जिसमें टीम ने चार सप्ताह तक रिपोर्ट सार्वजनिक न करने की अपील की थी। ASI के प्रार्थना पत्र को स्वीकार करते हुए जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश ने शनिवार को यह आदेश दिया। रिपोर्ट से जुड़े अन्य प्रार्थना पत्रों का निस्तारण भी उसी तारीख को होगा।

ASI ने सर्वे रिपोर्ट चार सप्ताह तक न तो सार्वजनिक करने और न ही किसी पक्ष को देने की मांग करते हुए बीते तीन जनवरी को जिला जज की अदालत में प्रार्थना पत्र दिया था। अदालत ने अपने आदेश में कहा कि हाई कोर्ट के आदेश के अनुसार सर्वे रिपोर्ट सिविल जज (सीनियर डिवीजन) फास्ट ट्रैक कोर्ट को उपलब्ध कराने के बाद ही इससे संबंधित अन्य प्रार्थना पत्रों का निस्तारण किया जाए।

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ज्ञानवापी (Gyanvapi) के वुजूखाने की साफ-सफाई की मांग को लेकर अंजुमन इंतेजामिया (Anjuman Intejamia) मसजिद की ओर से जिला जज की अदालत में दाखिल प्रार्थना पत्र पर शनिवार को आदेश नहीं आ सका। इसके निस्तारण के लिए अदालत ने 24 जनवरी की तारीख तय की है।

बीते बुधवार को अंजुमन इंतेजामिया (Anjuman Intejamia) ने प्रार्थना पत्र देकर ने कहा था कि मंदिर पक्ष वुजूखाने में शिवलिंग मिलने की बात कहता है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के आदेश से उसे सील कर दिया गया है। इस कारण उसमें मौजूद मछलियों की देख-रेख नहीं हो सकी और कुछ मछलियां मर गईं। हौज की सफाई नहीं होने से दुर्गंध पैदा हो रही है। इसलिए हौज की साफ-सफाई करने की अनुमति दी जाए। मंदिर पक्ष के वकील सुधीर त्रिपाठी ने इस पर आपत्ति जताते हुए बताया कि वुजूखाने की साफ-सफाई को लेकर हमने पहले ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में प्रार्थना पत्र दिया है।

Tag: #nextindiatimes #Gyanvapi #ASI #SupremeCourt

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