वाराणसी। ज्ञानवापी (Gyanvapi) केस में बड़ा फैसला आया है। कोर्ट ने हिंदू पक्ष को व्यास जी के तहखाने में पूजा-पाठ (worship) करने का अधिकार दे दिया है। इससे पहले हिन्दू पक्ष के वकील विष्णु शंकर जैन (Vishnu Shankar Jain) ने बताया था कि नवंबर 1993 तक सोमनाथ व्यास जी का परिवार उस तहखाने में पूजा पाठ करता था, जिसे मुलायम सिंह की सरकार में बंद करा दिया गया था।
यह भी पढ़ें-ADG प्रशांत कुमार का बढ़ा कद, बने UP के नये कार्यवाहक DGP
ज्ञानवापी (Gyanvapi) स्थित व्यासजी के तहखाने में पूजा (worship) किए जाने संबंधी आवेदन पर जिला जज डॉ. अजय कृष्ण विश्वेश की अदालत में दोनों पक्ष की तरफ से मंगलवार को बहस पूरी कर ली गई थी। अदालत ने इस प्रकरण में बुधवार को अपना आदेश सुनाया। तहखाने में पूजा (worship) करने की अनुमति मिल गई है। वादी के अधिवक्ताओं के मुताबिक व्यासजी के तहखाने को डीएम (DM) की सुपुर्दगी में दिया गया है। अधिवक्ताओं के अनुरोध पर कोर्ट ने नंदी के सामने की बैरिकेडिंग को खोलने की अनुमति दी है। ऐसे में अब तहखाने में 1993 के पहले के जैसे पूजा के लिए अदालत के आदेश से आने- जाने दिया जाएगा।
मंगलवार को कोर्ट में अंजुमन इंतेजामिया मसजिद कमेटी की तरफ से अधिवक्ता मुमताज अहमद और एखलाक अहमद ने कहा था कि व्यासजी का तहखाना मस्जिद का हिस्सा है। वहां पूजा (worship) की अनुमति नहीं दी जा सकती। यह मुकदमा पूजा स्थल अधिनियम से बाधित है। तहखाना वह वक्फ बोर्ड (Waqf Board) की संपत्ति है। लिहाजा, वहां पूजा-पाठ (worship) की अनुमति न दी जाए। हालांकि मुस्लिम पक्ष के दावे को कोर्ट ने नकार दिया है।
कोर्ट ने वाराणसी के जिलाधिकारी को 7 दिनों के भीतर पूजा (worship) की व्यवस्था करने का आदेश दिया है। बता दें कि वर्ष 1992 तक व्यास जी तहखाने में पूजा नियमित तौर पर होती थी। 6 दिसंबर 1992 को हुए बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद व्यास जी तहखाने में नियमित पूजा (worship) को बंद करने का आदेश दिया गया था। इसके बाद यहां पर सालाना माता श्रृंगार गौरी की पूजा हो रही थी।
Tag: #nextindiatimes #Gyanvapi #worship #varanasi