नई दिल्ली। आबकारी नीति मामले में 21 मार्च से हिरासत (custody) में चल रहे दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने अब अपनी गिरफ्तारी को चुनौती देने के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) का दरवाजा खटखटाया है। इसके अतिरिक्त उन्होंने अपनी जल्द रिहाई के लिए नियमित जमानत याचिका भी दायर की है।
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बता दें कि केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने अपनी गिरफ्तारी और रिमांड आदेशों को चुनौती देते हुए उन्होंने जमानत की मांग की है। इससे अतिरिक्त उन्होंने दिल्ली उच्च न्यायालय के 5 अगस्त के फैसले की आलोचना की है। जिसमें यह कहा गया था कि केजरीवाल (Arvind Kejriwal) की गिरफ्तारी न तो अवैध थी और न ही बिना किसी उचित आधार के थी क्योंकि सीबीआई (CBI) ने उनकी हिरासत (custody) और रिमांड को उचित ठहराने के लिए “पर्याप्त सबूत” पेश किए थे।
बताते चलें कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को ईडी (ED) द्वारा 21 मार्च को हिरासत में हैं लिया गया था परंतु मई में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने लोकसभा चुनाव प्रचार के लिए 21 दिन की अंतरिम जमानत दी थी। फिर 12 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने ईडी मामले में केजरीवाल (Arvind Kejriwal) को अंतरिम जमानत दी थी, यह स्वीकार करते हुए कि उन्होंने 90 दिन से अधिक समय जेल में बिताया है।
यह याचिका सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया (Manish Sisodia) को आबकारी नीति मामले में जमानत दिए जाने के दो दिन बाद दायर की गई थी। 9 अगस्त को सिसोदिया (Manish Sisodia) को जमानत पर रिहा करते हुए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने कहा था कि 17 महीने की लंबी कैद और एक ऐसे मामले में उनकी लगातार हिरासत, जिसमें जल्द ही मुकदमे के समाप्त होने की कोई उम्मीद नहीं है, संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत स्वतंत्रता और त्वरित सुनवाई के सिसोदिया के मौलिक अधिकार का हनन करती है।
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