भागलपुर। झारखंड (Jharkhand) पुलिस के लिए चुनौती बने कुख्यात गैंगस्टर अमन साहू (Aman Sahu) को पुलिस ने मुठभेड़ में ढेर कर दिया है। यह घटना मंगलवार की सुबह पलामू के चैनपुर के अंधारी ढोडा में हुई है। रायपुर से रांची लाने के क्रम में पलामू में मारे गए झारखंड के कुख्यात गैंगस्टर (gangster) अमन साहू का पूर्वी बिहार में तगड़ा नेटवर्क था।
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शंकर यादव के खिलाफ कार्रवाई के दौरान यह भी सामने आया कि वह एक बड़े प्रॉपर्टी डीलर के रूप में काम कर रहा था। उसके पास ट्रैक्टर एजेंसी के अलावा बालू, गिट्टी, सीमेंट और जमीन की खरीद-बिक्री का बड़ा कारोबार था। अमन साहू (Aman Sahu) के भाई आकाश साहू का भी अक्सर उसके घर पर आना-जाना रहता था। गैंग द्वारा वसूली गई रकम को शंकर विभिन्न शहरों में प्रॉपर्टी और अन्य धंधों में निवेश करता था।
रांची और उसके आसपास के जिलों में अपना गिरोह मजबूत करने के बाद, उसने अपने भाई आकाश साहू और मधेपुरा के रहने वाले शंकर यादव को पूर्वी बिहार में गैंग संचालन की जिम्मेदारी दी थी। रंगदारी और खदानों से वसूली गई लेवी की रकम को निवेश करने की जिम्मेदारी भी इन्हीं को सौंपी गई थी। शंकर यादव की सक्रियता भागलपुर, मधेपुरा और पूर्णिया तक फैली थी, जहां उसने करोड़ों रुपये का निवेश कर रखा था।

अमन साहू (Aman Sahu) खुद को गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई (Lawrence Bishnoi) का करीबी बताता था। कहा जाता है कि अमन लॉरेंस बिश्नोई को गुर्गे सप्लाई किया करता था, तो वहीं उसे बदले में हाईटेक हथियार मिलते थे। अमन साहू के महंगे कपड़ों का भी शौक था। अमन साहू (Aman Sahu) और लॉरेंस विश्नोई के बीच मयंक सिंह उर्फ सुनील मीणा कड़ी का काम करता था। राजस्थान का रहने वाला सुनील मीणा लॉरेंस का दोस्त है। फिलहाल सुनील मीणा अजरबैजान पुलिस की गिरफ्त में है।
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