नई दिल्ली। एयर इंडिया (Air India) ने हाल के हफ्तों में 180 से अधिक गैर-उड़ान कर्मचारियों को निकाल दिया है। इसको लेकर एयरलाइन (airline) की ओर से कहा गया कि यह सभी लोग स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजनाओं (retirement schemes) और पुनः कौशल के अवसरों का उपयोग करने में सक्षम नहीं थे। सूत्रों ने इस बात की जानकारी दी है।
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घाटे में चल रही एयर इंडिया (Air India) को जनवरी 2022 में टाटा ग्रुप (Tata Group) ने अपना अधिग्रहण कर लिया और तब से बिजनेस मॉडल को सुव्यवस्थित करने के प्रयास किए जा रहे हैं। एयर इंडिया (Air India) के एक प्रवक्ता ने शुक्रवार को कहा कि फिटमेंट प्रक्रिया के हिस्से के रूप में, गैर-उड़ान कार्यों में कर्मचारियों को उनकी योग्यताओं और संगठनात्मक आवश्यकताओं के आधार पर जिम्मेदारी दी गई थी।
एयर इंडिया (Air India) खुद को ग्लोबल एयरलाइन (airline) के तौर पर स्थापित करने की दिशा में काम कर रही है। जनवरी 2022 में जब टाटा ग्रुप ने इसका अधिग्रहण किया था तब करीब 13000 एंप्लॉयी (employees) काम कर रहे थे। अब एयरलाइन (airline) के साथ करीब 18000 एंप्लॉयी (employees) काम कर रहे हैं। एयरलाइन का फोकस अब यंग टैलेंट पर है और उनकी लगातार हायरिंग भी की जा रही है। पुराने एंप्लॉयी को VRS और री-स्किलिंग का मौका दिया गया; जो एंप्लॉयी इन दोनों में असफल रहे उन्हें अब निकाला गया है।
जानकारी के मुताबिक एयर इंडिया (Air India) ने कैंटिन सर्विस, हायजीन और एसी सर्विस स्टॉफ के लोगों को नौकरी से बाहर निकाला है। इससे पहले 12 मार्च को एयरलाइन (airline) ने 53 स्टॉफ को बाहर निकाला था। बता दें कि भारत सरकार ने एयर इंडिया से कहा था कि वे कम से कम 1 साल तक किसी को नहीं निकालेंगे। उसके बाद VRS की की सुविधा दी जाएगी। जो एंप्लॉयी (employees) निकाले गए हैं, ना तो उन्होंने वीआरएस (VRS) लिया था और ना ही ऑर्गनाइजेशन के किसी रोल में फिट बैठ रहे थे।
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