बेंगलुरु। सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल सुभाष (Atul Subhash) की खुदकुशी का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। बेंगलुरु (Bengaluru) की एक प्रतिष्ठित आईटी कंपनी में काम करने वाले अतुल सुभाष ने आत्महत्या करने से पहले एक 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा है। उनकी मौत के बाद से ही #MenToo आंदोलन लगातार सोशल मीडिया (social media) पर बढ़ रहा है।
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सोशल मीडिया यूजर्स #JusticeForAtulSubhash और #MenToo हैशटैग के साथ कानूनी और सामाजिक क्षेत्रों में पुरुषों के खिलाफ प्रणालीगत पूर्वाग्रहों को सबके सामने लाने के लिए एकजुट हो रहे हैं। दरअसल उत्तर प्रदेश के जौनपुर के रहने वाले सॉफ्टवेयर इंजीनियर अतुल (Atul Subhash) सोमवार सुबह बेंगलुरु के मराठाहल्ली के मुन्नेकोलालू में अपने अपार्टमेंट में फंदे से लटके पाए गए। अतुल ने अपनी मौते से पहले 24 पन्नों का सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उन्होंने कहा है कि घरेलू कलह ने उन्हें यह कदम उठाने के लिए मजबूर किया।
अतुल (Atul Subhash) ने अपनी मौत के लिए अपनी पत्नी निकिता सिंघानिया, सास, साले और चचेरे भाई को जिम्मेदार ठहराया है। सुसाइड नोट में उसने जौनपुर की फैमिली कोर्ट की जज रीता कौशिक पर समझौते के बदले 5 लाख रुपए रिश्वत मांगने का भी आरोप लगाया है। हालांकि इस मामले अभी तक किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। इस मामले बेंगलुरु पुलिस ने मंगलवार बड़ी कार्रवाई करते हुए उसकी पत्नी और उसके परिवार के खिलाफ सुसाइड के लिए उकसाने का केस दर्ज किया गया।
वीडियो बनाते समय अतुल ने जो टी-शर्ट पहनी हुई थी, उस पर ‘Justice is Due’ यानी ‘इंसाफ बाकी है’ लिखा हुआ था। 24 पन्नों के सुसाइड नोट में अतुल ने कहा है कि निकिता और उसके परिवार ने उसके खिलाफ घरेलू हिंसा, हत्या, दहेज उत्पीड़न समेत 9 मामले दर्ज कराए हैं। अतुल (Atul Subhash) ने यह भी कहा कि शादी के बाद से ही निकिता और उसका परिवार किसी न किसी बहाने उससे पैसे मांगता रहता था। अतुल ने वीडियो में न्याय व्यवस्था पर भी सवाल उठाए हैं।
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