बिहार। अदालत ने पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव, बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी, उनके बेटे और राजद नेता तेजस्वी यादव सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ औपचारिक रूप से आरोप तय कर दिए हैं। यह पूरा मामला इंडियन रेलवे कैटरिंग एंड टूरिज्म कॉरपोरेशन (IRCTC) के रांची और पुरी में स्थित दो होटलों के आवंटन से जुड़ा है।
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चलिए जान लेते हैं कि अब तेजस्वी यादव भी केस चलेगा तो क्या वह बिहार विधानसभा चुनाव लड़ पाएंगे या नहीं? कोर्ट ने आरोप तय करते हुए उन्हें भ्रष्टाचार, साजिश और धोखा जैसे अपराधों के तहत मुकदमा चलाने योग्य ठहराया है। अदालत ने कहा है कि ठेका प्रक्रिया में अनियमितताएं हुईं और लाभार्थी कंपनी को टेंडर जीतने में मदद की गई। इसके बदले आरोप है कि लालू परिवार को भ्रष्ट तरीके से लाभ पहुंचाने हेतु उनको जमीन जैसी संपत्तियां दी गईं।

यह मामला उन टेंडरों से जुड़ा है जो रांची और पुरी में स्थित दो IRCTC होटलों के रखरखाव व संचालन के लिए जारी किए गए थे। आरोप है कि इन टेंडरों को सुजाता होटल्स नाम की एक निजी कंपनी को राजनीतिक और प्रशासनिक प्रभाव का दुरुपयोग करके अनियमित तरीके से दिलाया गया था।
भारतीय कानून के अनुसार, तेजस्वी तब तक चुनाव लड़ सकते हैं, जब तक उन्हें अदालत द्वारा सजा सुनाई न जाए और यदि सजा दो साल या उससे अधिक की हो। Representation of the People Act, 1951 की धारा 8, जिसके अंतर्गत अगर कोई व्यक्ति गंभीर अपराध में दोषी ठहराया जाता है और उस पर सजा सुनाई जाती है, तभी वह निर्वाचित होने या चुनाव लड़ने के अधिकार से वंचित हो सकता है। इसलिए अभी तेजस्वी यादव की चुनाव लड़ने की पात्रता बनी हुई है।
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