नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने पूर्वांचल के पूर्व बाहुबली मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) को गैंगस्टर (gangster) मामले में अग्रिम जमानत दे दी है। कासगंज जेल में बंद अब्बास अंसारी को होली त्योहार के बाद रिहा किया जाएगा। सुप्रीम कोर्ट की बेंच नंबर तीन में न्यायाधीश सूर्यकांत ने शुक्रवार को यह आदेश दिया। अब्बास अंसारी के हाईकोर्ट के वकील सौभाग्य कुमार मिश्रा ने बताया कि कोर्ट ने अग्रिम जमानत कुछ शर्तों के साथ मंजूर की है।
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न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) को लखनऊ में अपने सरकारी आवास में रहने और मऊ में अपने निर्वाचन क्षेत्र का दौरा करने से पहले अधिकारियों से पूर्व अनुमति लेने का निर्देश दिया है। पीठ ने अंसारी से कहा कि वह अदालत की पूर्व अनुमति के बिना उत्तर प्रदेश न छोड़ें और अदालतों में पेश होने से एक दिन पहले पुलिस अधिकारियों को सूचित करें।
गैंगस्टर और राजनेता मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास (Abbas Ansari) के लिए पेश सीनियर एडवोकेट कपिल सिब्बल ने दलील दी थी कि उन्हें नवंबर 2022 में गिरफ्तार किया गया था। 10 मुकदमों में जमानत मिलने के बाद 4 सितंबर 2024 को गैंगस्टर एक्ट केस (Gangster Act case) में गिरफ्तार कर लिया गया। इस तरह सभी मामलों में जमानत पाने के बाद भी वह नए केस के चलते 5 महीने से जेल में हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अब्बास को अपने क्षेत्र से बहुत दूर कासगंज जेल में बंद रखा गया है।

यूपी सरकार के लिए पेश एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के एम नटराज ने अब्बास अंसारी पर लगे आरोपों को गंभीर बताया। उन्होंने यह भी कहा कि मामले में कुछ अहम गवाहों के बयान बाकी हैं। अब्बास (Abbas Ansari) की आपराधिक पृष्ठभूमि को देखते हुए यह आशंका है कि वह गवाहों को धमका सकता है। इस पर जजों ने कहा कि याचिकाकर्ता को अनिश्चित समय तक जेल में नहीं रखा जा सकता।
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