एंटरटेनमेंट डेस्क। भारतीय सिनेमा में Rekha एक ऐसी शख्सियत हैं, जिनकी खूबसूरती और अकेलेपन पर हजारों पन्ने लिखे जा चुके हैं लेकिन रेखा की अपनी दास्तान से इतर, उनके परिवार में एक और ऐसी ‘मल्लिका-ए-हुस्न’ रही, जिसकी जिंदगी की चमक रेखा से भी कहीं ज्यादा थी। मगर उसका अंत इतना खौफनाक था कि सुनकर रूह कांप जाए। वो थीं रेखा की सौतेली मां।
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रेखा के पिता और तमिल सुपरस्टार जेमिनी गणेशन ने चार शादियां की थीं और जेमिनी गणेशन की दूसरी पत्नी थीं सावित्री। 60 और 70 के दशक में साउथ इंडस्ट्री पर राज करने वाली एक्ट्रेस सावित्री की जिंदगी इतनी भी आसान नहीं थी। साउथ सिनेमा की पहली सुपरस्टार का तमगा अगर सावित्री को मिला तो इसके पीछे की कई वजहें भी रहीं। सावित्री कम उम्र में ही सुपरस्टार बन गईं।
सावित्री का स्टारडम ही था कि लोग उन्हें देवी की तरह पूजते थे। साल 1958 में सावित्री की फिल्म ‘माया बाजार’ आई थी। ये फिल्म सुपरहिट हुई और इस फिल्म के बाद सावित्री का करियर भी बुलंदियों पर पहुंच गया। लेकिन यहीं से उनके जिंदगी की बर्बादी भी शुरू हुई और इसके पीछे रेखा के पिता और सावित्री के पति जेमिनी गणेशन का ही हाथ था।

सावित्री की बायोपिक के मुताबिक लड़ाई झगड़ों के बाद सावित्री शराब पीने लगी थीं। कोई तो यह कहता है कि खुद जेमिनी गणेशन उन्हें शराब पिलाया करते थे। पति के अफेयर और धोखों से सावित्री टूट गईं और धीरे-धीरे बर्बादी के कगार पर आ गईं। हद तो ये हुई कि सावित्री फिल्मों के सेट पर शराब पीने लगीं। पति से लड़ाई-झगड़े के बाद शराब की लत और फिर आखिरकार 1969 में जेमिनी गणेशन सावित्री को छोड़कर अलग हो गए।
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