नई दिल्ली। Indian Army के सख्त नियम अक्सर लोगों में जिज्ञासा पैदा करते हैं। सबसे ज्यादा पूछे जाने वाले सवालों में से एक है कि टैटू और लंबे बालों पर बड़े पैमाने पर बैन क्यों है। यह नियम फैशन या फिर पर्सनल पसंद के बारे में नहीं है बल्कि यह अनुशासन, स्वास्थ्य और सुरक्षा से जुड़ा हुआ है। आइए जानते हैं यह नियम क्यों है?
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टैटू पर प्रतिबंध लगाने के पीछे बड़ी वजह स्वास्थ्य सुरक्षा है। सेना का मानना है कि अगर टैटू ठीक से स्टेरलाइज्ड सुइयों से नहीं बनाया जाता तो सैनिकों को एचआईवी, हेपेटाइटिस और स्किन इन्फेक्शन जैसी गंभीर बीमारियां हो सकती हैं क्योंकि सैनिक मुश्किल माहौल में काम करते हैं, जहां पर मेडिकल सुविधा सीमित हो सकती हैं। इस वजह से मामूली इन्फेक्शन भी गंभीर ऑपरेशनल जोखिम बना सकता है।
इसी के साथ एक और बड़ी वजह है अनुशासन और एकरूपता। सेना व्यक्तिगत पहचान के बजाय सामूहिक पहचान पर ज्यादा जोर देती है। बड़े या फिर दिखने वाले टैटू व्यक्तिगत पहचान को दिखाते हैं। सैनिकों को एक इकाई के रूप में काम करने के लिए ट्रेनिंग दी जाती है, ना कि ऐसे व्यक्ति के रूप में जिसके पास दिखने वाले व्यक्तिगत निशाना हों।

लंबे बालों पर बैन लगाने की सबसे बड़ी वजह है युद्ध की तैयारी। युद्ध की स्थिति में सैनिकों को हेलमेट, गैस मास्क और बाकी सुरक्षात्मक उपकरण पहनने होते हैं। लंबे बाल इन उपकरणों की सही सीलिंग और फिटिंग में बाधा डाल सकते हैं। लंबे बाल लड़ाई के दौरान भी जोखिम पैदा कर सकते हैं। दुश्मन आसानी से लंबे बालों को पकड़कर सैनिक पर हावी हो सकता है। सिखों को अपने धर्म के हिस्से के तौर पर लंबे बाल और दाढ़ी रखने की पूरी इजाजत है।
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