डेस्क। दुनिया का पहला कम्युनिकेशन सैटेलाइट ‘स्कोर’ था, जिसका पूरा नाम सिग्नल कम्युनिकेशन बाय ऑर्बिटल रिलाय इक्विपमेंट है। इस सैटेलाइट को अमेरिका ने 1958 में आज ही के दिन 18 दिसंबर को लॉन्च किया था। अमेरिका ने इसे ‘स्कोर मिशन’ नाम दिया।
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अमेरिका ने इस कम्युनिकेशन सैटेलाइट (communication satellite) को एटलस मिसाइल के जरिए पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया था। अमेरिका के इस अनुसंधान ने लोगों के जीवन को पूरी तरह बदल दिया। इस सैटेलाइट के लॉन्च होने से पृथ्वी के एक हिस्से से दूसरे हिस्से में संदेश भेजना संभव हो सका।
कम्युनिकेशन सैटेलाइट के इस सफल परीक्षण ने अंतरिक्ष संचार की सभी संभावनाएं लोगों के समक्ष रख दीं। इस अनुसंधान ने बता दिया कि दुनिया के किसी भी कोने से अंतरिक्ष में सैटेलाइट कम्युनिकेशन के जरिए कहीं भी संदेश भेजा जा सकता है।

दुनिया का पहला कम्युनिकेशन सैटेलाइट यूएस आर्मी सिग्नल कॉर्प्स ने बनाया था। इस सैटेलाइट की टेस्टिंग के लिए सबसे पहले ग्राउंड से मिले सिग्नल को रिसीव किया गया और उसे दोबारा ट्रांसमिट किया गया। ट्रांसमिट किए गए संदेश को ऑनबोर्ड रिकॉर्डर में स्टोर किया गया। इसके बाद जहां ग्राउंड से शुरुआत में संदेश आया था, वहां वापस मैसेज ट्रांसमिट किया गया।
अमेरिका के उस वक्त के राष्ट्रपति ड्वाइट डेविड आइजनहावर ने भी इस कम्युनिकेशन सैटेलाइट का प्रयोग किया। अमेरिकी राष्ट्रपति ने क्रिसमस के मौके पर शांति और सद्भावना का संदेश दुनिया को दिया। राष्ट्रपति ड्वाइट डी. आइजनहावर दुनिया के पहले राष्ट्राध्यक्ष बने, जिनकी आवाज इस कम्युनिकेशन सैटेलाइट के जरिए वैश्विक स्तर पर गूंजी। यह सैटेलाइट लॉन्च होने के बाद अगले 35 दिनों तक सक्रिय रहा।
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