नई दिल्ली। दुबई एयर शो में भारत का Tejas फाइटर जेट क्रैश हो गया है। भारतीय वायुसेना का ये जेट उड़ान भरने के कुछ ही सेकेंड बाद अनियंत्रित होकर जमीन पर आ गिरा। यह घटना भले चौंकाने वाली रही हो लेकिन इससे तेजस की तकनीक या उसकी अंतरराष्ट्रीय डिमांड पर सवाल नहीं उठते।
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हल्का वजन, आधुनिक एवियोनिक्स और लागत के लिहाज से किफायती दाम इसे इंटरनेशनल मार्केट में आकर्षक बनाते हैं। यही वजह है कि कई देशों ने तेजस में दिलचस्पी दिखाई है। चलिए बताते हैं किन देशों को भारत तेजस बेचता है? भारत ने अभी तक तेजस फाइटर जेट किसी देश को आधिकारिक तौर पर बेचा नहीं है। लेकिन कई देशों ने इसे खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है।

सबसे ज्यादा चर्चा मलेशिया की रही, जिसे भारत ने 18 तेजस जेट का ऑफर भेजा था। अर्जेंटीना भी तेजस Mk-1A को अपनी एयरफोर्स में शामिल करने के लिए बातचीत कर चुका है। मिस्र ने टेक्नोलॉजी ट्रांसफर के साथ तेजस खरीदने का ऑप्शन भी रखा है। इसके अलावा ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, इंडोनेशिया, फिलीपींस और ब्राज़ील जैसे देशों ने भी शुरुआती स्तर पर तेजस में रुचि दिखाई है। कुल मिलाकर तेजस अभी एक्सपोर्ट लिस्ट में आधिकारिक तौर पर शामिल नहीं हुआ है। लेकिन कई देशों ने संभावित तौर पर इसे खरीदने के लिए बातचीत शुरू कर दी है।
भारत सरकार ने इस साल सितंबर में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) से स्वदेशी लड़ाकू विमान खरीदने के लिए 623.70 अरब रुपये (7.03 अरब डॉलर) के सौदे पर हस्ताक्षर किए थे। इस डील के तहत एचएएल को तेजस MK-1A किस्म के 97 विमानों के ऑर्डर की आपूर्ति करनी है और यह ऑर्डर वित्तीय वर्ष 2027-28 से 6 साल की अवधि में पूरा करना है।
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