26 C
Lucknow
Saturday, November 22, 2025

बढ़ेगा पीएफ और ग्रेच्युटी…,पढ़ें नए लेबर कोड की खास बातें

नई दिल्ली। भारत सरकार ने शुक्रवार को देश के श्रमिकों के लिए एक बड़ा कदम उठाते हुए चार श्रम संहिताओं (labor code) को लागू करने की घोषणा की है। माना जा रहा है कि केंद्र सरकार की ओर से किए गए ये बदलाव देश में रोजगार और औद्योगिक व्यवस्था में अहम भूमिका निभा सकते हैं। नए श्रम कानूनों से देश के करीब 40 करोड़ कामगारों को सामाजिक सुरक्षा कवरेज भी मिलेगी।

यह भी पढ़ें-लेमनग्रास टी पीने से वजन के साथ दूर होगा स्ट्रेस, जानें और भी हैरान करने वाले फायदे

21 नवंबर को लागू हुए नए लेबर लॉ के अनुसार, किसी भी कर्मचारी को नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य है। वहीं, न्यूनतम वेतन का दायरा सभी श्रमिकों तक बढ़ेगा। नए लेबर लॉ में समय पर वेतन देने का कानून भी होगा। सरकार ने तर्क दिया है कि नए कानूनों से रोजगार की शर्तों की पारदर्शिता बढ़ेगी। देश भर में न्यूनतम वेतन लागू होगा। इसका उद्देश्य है कि किसी की भी सैलरी इतनी कम न हो कि वह जीवन यापन ही न कर पाए।

-गिग वर्क, प्लेटफार्म वर्क और एग्रीगेटर्स को किया परिभाषित नए लेबर कोड में फिक्स्ड-टर्म कर्मचारियों को स्थायी कर्मियों के बराबर वेतन, छुट्टी, चिकित्सा व सामाजिक सुरक्षा के साथ पांच वर्ष के बजाय सिर्फ एक साल बाद ग्रेच्युटी का हकदार बनाया गया है।

-‘प्लेटफार्म वर्क’ व ‘एग्रीगेटर्स’ को पहली बार लेबर कोड में परिभाषित करते हुए सभी गिग वर्कस को सामाजिक सुरक्षा देने का प्रविधान किया गया है। इसके लिए एग्रीगेटर्स को वार्षिक टर्नओवर का एक से दो प्रतिशत योगदान करना होगा।

-बागान मजदूरों, आडियो-विजुअल व डिजिटल मीडिया, इलेक्ट्रानिक मीडिया के पत्रकारों, डबिंग आर्टिस्ट व स्टंट पर्सन समेत डिजिटल और आडियो-विजुअल कामगारों को भी नए लेबर कोड का हिस्सा बनाया गया है ताकि उन्हें इसका फायदा मिले।

-खदान मजदूरों समेत खतरनाक उद्योग में काम करने वाले श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा के साथ उनकी आन-साइट सेफ्टी मानिटरिंग के मानक तय किए गए हैं।

-वस्त्र उद्योग, आइटी व आइटीईएस कर्मी, बंदरगाहों व निर्यात क्षेत्र में काम करने वाले श्रमिक भी इसके दायरे में लाए गए हैं। इन्हें हर माह की सात तारीख तक वेतन का भुगतान अनिवार्य रूप से करना होगा। अब साल में 180 दिन काम करने के बाद ही कर्मी सालाना छुट्टी लेने का हकदार होगा।

-500 से अधिक कामगारों वाली जगहों पर जरूरी सुरक्षा समितियां होंगी, जिससे जवाबदेही बेहतर होगी। छोटी यूनिट के लिए रेगुलेटरी बोझ कम होगा।

Tag: #nextindiatimes #laborcode #indiangovernment

RELATED ARTICLE

close button