सिद्धार्थनगर। भारत सरकार द्वारा जीवन दायिनी नदियों को जीवंत बनाए रखने हेतु नदी पुनर्चक्रण (River Ranching) योजना के तहत सिद्धार्थनगर के बाँसी में राप्ती तट पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे मत्स्य मंत्री उत्तर प्रदेश सरकार संजय निषाद व सांसद जगदंबिका पाल ने मछुवा समाज के लोगों के साथ जिले की सबसे बड़ी नदी राप्ती में हजारों की संख्या में मछली के बच्चे छोड़े।
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इस दौरान कैबिनेट मंत्री संजय कुमार निषाद ने जानकारी देते हुए कहा कि “उपेक्षा के चलते नदियों का पानी दूषित हो चुका था और जीवन दायिनी नदियों का अस्तित्व खतरे में पड़ गया था लेकिन हमारी सरकार ने अभियान चलाकर इसका पुनर्चक्रण किया जिससे जहां मछुवा समाज को फिर से रोजगार उपलब्ध हुआ वहीं नदियां भी हरी भरी हों रहीं हैं।”

इस अवसर पर मत्स्य विकास मंत्री संजय निषाद ने प्रधानमंत्री को बधाई देते हुए कहा कि सरकार समाज के हर वर्ग के कल्याण के लिए कार्य कर रही है। आगे उन्होंने कहा कि नदियां न केवल मछुआरों के लिए वरदान होतीं हैं बल्कि हमारे स्वास्थ्य पर भी नदियों का गहरा प्रभाव पड़ता है। नदियों का दूषित जल हमारे जीवन के लिए दुष्प्रभाव होता है,जिसको ध्यान में रखते हुए भारत सरकार तरह-तरह के संबंधित योजनाओं का संचालन करती है, जिससे नदियों की स्वच्छता बनी रहे।
कार्यक्रम में मौजूद क्षेत्रीय सांसद जगदंबिका पाल ने मत्स्य विकास मंत्री संजय निषाद से सिद्धार्थनगर जिले में एक एक्वा पार्क स्थापित करने की मांग की। उन्होंने तर्क दिया कि सिद्धार्थनगर जिला मछली उत्पादन में अग्रणी है और यहां एक्वा पार्क बनने से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
(रिपोर्ट- दीप यादव, सिद्धार्थनगर)
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