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Monday, October 27, 2025

इंडियन एयर फोर्स में कैसे बनें गरुण कमांडो, समझें पूरा प्रोसेस

एजुकेशन डेस्क। किसी भी देश की सुरक्षा के लिए उस देश की एयर फोर्स (Indian Air Force) का अहम योगदान होता है। एयर फोर्स दुश्मन देशों पर कड़ी नजर रखने के साथ ही उन पर अटैक करते हैं और साथ ही उनकी ओर से भेजी गई मिसाइल, बमों को हवा में ही खत्म करने का काम भी करते हैं।

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गरुण कमांडो द्वारा एयर फोर्स के विभिन्न बेस की सुरक्षा, रडार और सैन्य संपत्तियों को किसी भी आपात स्थिति से सुरक्षित रखना होता है। इसके अलावा ये काउंटर अटैक और बचाव अभियान, आतंकवाद विरोधी और रेस्क्यू ऑपरेशन में भी योगदान देते हैं। इसके साथ ही यह फोर्स इंटेलिजेंस और स्पेशल ऑपरेशन के जरिये खुफिया जानकारी इकट्ठा करने और दुश्मन के महत्वपूर्ण ठिकानों को नष्ट करने की ट्रेनिंग भी लेते हैं।

गरुड़ कमांडो बनने के लिए जवानों को तीन साल तक कठिन ट्रेनिंग से होकर गुजरना होता है। इस दौरान उनकी खतरनाक इलाकों, जंगलों और पहाड़ों में सर्वाइव करने की क्षमता को परखा जाता है। जो अभ्यर्थी इस ट्रेनिंग को पूरा करने में सफलता प्राप्त करते हैं उनको ही गरुण कमांडो के पदों पर नियुक्त किया जाता है। भारतीय सेना की अन्य विशेष बलों जैसे NSG, मार्कोस, पैरा कमांडो के स्तर की ही ट्रेनिंग गरुण कमांडो की भी होती है।

भारतीय वायु सेना में गरुड़ कमांडो की भर्ती दो अलग-अलग तरीकों से की जाती है। इसमें एयरमैन (गैर-कमीशन) और कमीशन प्राप्त अधिकारी के पदों पर भर्ती होती है। दोनों में एक कठिन चयन आधारित प्रक्रिया शामिल है जिससे कि केवल योग्य अभ्यर्थियों को चुनाव किया जा सके। चयन के लिए अभ्यर्थियों को परीक्षा के साथ ही शारीरिक परीक्षण मे रनिंग, पुश-अप्स और सिट-अप्स जैसे टेस्ट में पास होना होता है।

Tag: #nextindiatimes #IndianAirForce #GarudCommandos

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