नई दिल्ली। मिसाइल मैन ऑफ इंडिया के नाम से मशहूर Abdul Kalam की आज बर्थ एनिवर्सरी है। ऐसे में एपीजे अब्दुल कलाम की जिंदगी के कुछ किसी ऐसे भी हैं, जिन्हें हम नहीं जानते। उन्हीं में से एक किस्सा तब का है, जब अपना कार्यकाल खत्म होने से पहले कलाम सैम मानेकशॉ से मिलने गए थे और उनका उधार चुकाया था।
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साल 2007 की एक सुबह को एपीजे अब्दुल कलाम तमिलनाडु के कुन्नूर में मौजूद एक अस्पताल का दौरा करने गए थे। उस समय उन्हें जानकारी मिली कि उसी अस्पताल में फील्ड मार्शल मानेकशॉ का इलाज चल रहा है। वही मानेकशॉ, जिन्होंने सेकेंड वर्ल्ड वॉर के दौरान 9 गोलियां लगने के बाद भी बहादुरी से लड़ाई की। ऐसे में कलाम बिना देरी किए सीधा फील्ड मार्शल से मिलने चले गए।
डॉ. कलाम ने मानेकशॉ के कमरे में पहुंचते ही सबसे पहले उनका हाल-चाल पूछा। शॉ ने जवाब दिया कि उनके प्यारे देश के राष्ट्रपति उनके सामने खड़े होते हुए भी वह उन्हें सैल्यूट नहीं कर सकते हैं, उन्हें इस बात का दुख है। यह सुनकर कलाम की आंखें नम हो गईं और उन्होंने मानेकशॉ का हाथ थाम लिया।

मानेकशॉ को फील्ड मार्शल के पद पर रहते पेंशन मिलती थी लेकिन लंबे समय से बढ़ी हुई पेंशन की राशि उन्हें नहीं मिली थी। ऐसे में दोनों में हो रही बातचीत के दौरान मानेकशॉ अपनी यह परेशानी राष्ट्रपति कलाम को बताई। कलाम ने इस बात को गंभीरता से लिया। दिल्ली पहुंचते ही उन्होंने डिफेंस मिनिस्ट्री को निर्देश दिया और एक हफ्ते के अंदर लगभग 1.30 करोड़ रुपये की बकाया पेंशन के साथ एक स्पेशल विमान से अधिकारी वेलिंग्टन भेजा गया और इस तरह कलाम ने मानेकशॉ का यह उधार चुकाया।
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