डेस्क। रूस-यूक्रेन से लेकर इजराइल-हमास और भारत-पाकिस्तान तक हर युद्ध में एयर डिफेंस सिस्टम (Air Defense) ने काफी अहम किरदार निभाया है। दुनिया की सभी बड़ी शक्तियां ऐसे सिस्टम को बनाने में लगी हैं जो उन्हें हवाई खतरों से बचा सके। भारत भी रुस से S-400 एयर डिफेंस सिस्टम की और यूनिट्स खरीदने पर विचार कर रहा है।
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S-400 (रूस):
रूस का S-400 दुनिया की सबसे शक्तिशाली वायु रक्षा प्रणाली माना जाता है। 56 किलोमीटर की अधिकतम ऊंचाई और स्टील्थ एयरक्राफ्ट का पता लगाने की क्षमता के साथ यह डिफेंस सिस्टम रडार, टारगेटिंग, विमान रोधी मिसाइल और कमांड इकाइयों का एक शानदार मिश्रण है। आपको बता दें कि यह क्रूज मिसाइल और लड़ाकू विमान दोनों को ही निष्क्रिय कर सकता है।
डेविड्स स्लिंग (इजराइल और अमेरिका):
इजराइल और अमेरिका द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया डेविड्स स्लिंग मध्यम दूरी के खतरों से बचने के लिए बनाया गया है। इसकी मारक क्षमता 300 किलोमीटर तक की है और यह सिस्टम खतरों का मुकाबला करने के लिए स्टनर इंट्रोसेप्टर मिसाइलों का इस्तेमाल करता है।

S-300 VM ( एंटे-2500 रूस):
S-300 VM रूस का एक और शक्तिशाली डिफेंस सिस्टम है। यह बैलिस्टिक मिसाइल, विमान और गाइडेड हथियारों को रोकने में काफी ज्यादा सक्षम है। इसकी मारक क्षमता 200 किलोमीटर की है और यह 30 किलोमीटर की ऊंचाई तक कवरेज के साथ एक मल्टी चैनल प्रोटेक्शन प्रदान करता है।
बराक 8 (भारत):
बराक 8 को इजराइल एयरोस्पेस इंडस्ट्रीज और भारत के डीआरडीओ ने मिलकर विकसित किया है। यह कई खतरों से 360 डिग्री सुरक्षा प्रदान करता है। इसकी मारक क्षमता 16 किलोमीटर तक है और यह एडवांस्ड एलएम 2048 रडार के साथ हर मौसम में लक्ष्य का पता लगाने में सक्षम है।
आयरन डोम (इजराइल):
अब अगर बात करें आयरन डोम की तो यह इजरायल की सबसे प्रसिद्ध प्रणाली है। इसे 70 किलोमीटर तक की मारक क्षमता वाले कम दूरी के रॉकेट और मिसाइलों को रोकने के लिए डिजाइन किया गया है। तमार इंटरसेप्टर और एडवांस्ड रडार का इस्तेमाल करते हुए इस ने इजरायल की रक्षा की है।
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