ऑटो डेस्क। RSS की शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक अनोखा डाक टिकट और 100 रुपये का स्मारक सिक्का जारी किया, जो संघ की वैचारिक और सांस्कृतिक विरासत को दर्शाता है। चलिए जानें कि इससे पहले कब कब 100 रुपये का सिक्का (coins) जारी किया गया था?
यह भी पढ़ें-10 रुपये का सिक्का असली है या नकली, इस आसान तरीके से करें पता
स्मारक सिक्कों की परंपरा भारत में पहले से रही है। ज्यादातर तो ये सिक्के आम जनता के लेन-देन के लिए नहीं होते हैं, बल्कि खास अवसरों की यादगार और कलेक्शन करने के लिए सीमित संख्या में जारी किए जाते हैं। इतिहास पर नजर डालें तो 100 रुपये का स्मारक सिक्का पहली बार साल 2010 में जारी हुआ था, जब रवींद्रनाथ टैगोर की 150वीं जयंती के मौके पर इसे ढाला गया था।
इसके बाद भी कई मौकों पर 100 रुपये के सिक्के जारी किए गए हैं, जैसे अटल बिहारी वाजपेयी की जन्मशताब्दी, मदन मोहन मालवीय की जयंती, महात्मा गांधी की 150वीं जयंती और अन्ना दुरै की स्मृति में भी 100 रुपये के सिक्के जारी किए जा चुके हैं। नए स्मारक सिक्के की बात करें तो इसकी डिजाइन बेहद खास है। सिक्के के एक तरफ भारत का राष्ट्रीय प्रतीक ‘अशोक स्तंभ’ अंकित है, जबकि दूसरी ओर सिंह के साथ वरद मुद्रा में भारत माता की अद्भुत प्रतिमा दिखाई देती है। भारत माता के समक्ष संघ के स्वयंसेवक नमन की मुद्रा में खड़े नजर आ रहे हैं।

हालांकि कई बार ऐसा भी हुआ है कि सरकार ने खास सिक्कों की घोषणा की, लेकिन तकनीकी कारणों या नीति संबंधी निर्णयों के चलते उन्हें ढलाई के बाद चलन में नहीं लाया गया। बावजूद इसके इन सिक्कों का महत्व कम नहीं होता, क्योंकि वे इतिहास और परंपराओं का अमूल्य हिस्सा बन जाते हैं।
Tag: #nextindiatimes #RSS #coin