लद्दाख। लद्दाख में पूर्ण राज्य के दर्जे और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने की मांग को लेकर लंबे समय से आंदोलन चल रहा है। Sonam Wangchuk इस मुद्दे पर कई शांतिपूर्ण प्रदर्शन और भूख हड़ताल की लेकिन 25 सितंबर को लेह में हुए एक प्रदर्शन में हिंसा भड़क गई, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई और 80 से ज्यादा घायल हुए, जिनमें पुलिसकर्मी भी शामिल थे।
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गृह मंत्रालय और अन्य जांच एजेंसियों ने दावा किया है कि सोनम वांगचुक और उनके संगठनों को वर्षों से भारी मात्रा में विदेशी और कॉर्पोरेट फंडिंग मिली है। यह फंड विभिन्न योजनाओं, परियोजनाओं और सामाजिक कार्यक्रमों के नाम पर प्राप्त हुआ। ऐसे में चलिए जानते हैं कि सोनम वांगचुक को सरकार से कितना फंड मिलता था?
सरकार की रिपोर्ट और जांच में जो बातें सामने आईं, वो वाकई चौंकाने वाली हैं। सरकार का दावा है कि वांगचुक की संस्थाओं को बिना वैध लाइसेंस के भारी विदेशी फंड मिला है। HIAL को बिना FCRA रजिस्ट्रेशन के लगभग 1.5 करोड़ रुपये विदेशी फंडिंग मिली। SECMOL के FCRA खाते में नियमों के उल्लंघन के कई मामले सामने आए। वहीं 2018 से 2024 के बीच उनके अलग-अलग खातों में 1.68 करोड़ रुपये की विदेशी धनराशि आई।

2021-2024 के बीच उनके निजी खाते से 2.3 करोड़ विदेश भेजे गए। सरकार ने यह भी कहा है कि सोनम वांगचुक को कई निजी कंपनियों और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों से CSR के तहत भारी फंड मिला है। गृह मंत्रालय ने आरोप लगाया कि सोनम वांगचुक ने FCRA कानून का बार-बार उल्लंघन किया, विदेशी फंड का गलत यूज किया, अघोषित खातों में फंड छुपाया और भड़काऊ भाषणों के जरिए लद्दाख में हिंसा को हवा दी।
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