बिहार। Bihar में इन दिनों विधानसभा चुनावों की सरगर्मियां तेज हैं। विधानसभा चुनाव को लेकर सभी पार्टियों ने कमर कस ली है चुनाव आयोग ने भी तैयारी कर ली है। बिहार में कई ऐसे मुख्यमंत्री हुए हैं जिनकी कुर्सी इतनी जल्दी हिल गई कि वे 20 दिन भी सत्ता की गद्दी पर नहीं बैठ सके।
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बिहार में सबसे अधिक समय तक मुख्यमंत्री के पद पर रहने का रिकार्ड नीतीश कुमार के नाम है। श्रीकृष्ण सिंह का यह रिकार्ड इसी वर्ष मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने तोड़ा है। बिहार में एक दशक ऐसा भी था जब यूनिवर्सिटी में कुलपति कम और राज्य में मुख्यमंत्री अधिक बदल दिये गये थे। यह दशक था 70 का। 1960 से 1970 के बीच में बिहार को 11 मुख्यमंत्री मिले, जबकि 1970 से 1980 के बीच 9 मुख्यमंत्री बदले गये।

श्रीकृष्ण सिंह के लंबे कार्यकाल के बाद बिहार में एक ऐसा दौर चला जब कोई तीन माह के लिए इस पद पर रहा, तो कोई महज चार दिन में ही पद त्याग दिया। साल 1967 के राजनीतिक बदलावों के दौर में संयुक्त सोशलिस्ट पार्टी (SSP) का बिहार की राजनीति में खासा प्रभाव था।1968 को सतीश प्रसाद सिंह को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाई गई, लेकिन उनका कार्यकाल मात्र 5 दिन चला।
भोला पासवान शास्त्री,जो तीन बार मुख्यमंत्री बने लेकिन तीनों कार्यकाल मिलाकर भी वे एक साल तक भी मुख्यमंत्री नहीं रह सके। वे पहली बार 22 मार्च 1968 को मुख्यमंत्री बने और उनका पहला कार्यकाल लगभग 100 दिन चला। इसके बाद 22 जून 1969 को उन्होंने दूसरी बार मुख्यमंत्री पद संभाला लेकिन यह कार्यकाल सिर्फ 13 दिन का था। फिर 2 जून 1971 को उन्होंने तीसरी बार शपथ ली, जो 9 जनवरी 1972 तक चला।
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