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Wednesday, September 3, 2025

क्या है हैदराबाद गजट; जिसे लागू कराने की मांग पर अड़े थे मनोज जारांगे

महाराष्ट्र। मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे की मांग पूरी हो गई है। उन्होंने मुंबई में अपने हजारों समर्थकों से कहा कि हमारी जीत हुई है। मनोज जरांगे (Manoj Jarange) मुंबई के आज़ाद मैदान में मराठा समुदाय के लिए ओबीसी वर्ग से आरक्षण की मांग को लेकर बैठे थे। अब राज्‍य सरकार ने हैदराबाद गजट (Hyderabad Gazette) को लागू करने का फैसला लिया है।

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हैदराबाद गजट (Hyderabad Gazette) 1918 में हैदराबाद की तत्कालीन निजाम सरकार द्वारा जारी एक आदेश का उल्लेख करता है। उस समय हैदराबाद राज्य में मराठा समुदाय बहुसंख्यक था लेकिन ऐतिहासिक अभिलेखों से पता चलता है कि सत्ता और रोजगार के पदों पर उनकी उपेक्षा की जा रही थी। इस समस्या के समाधान के लिए निजाम सरकार ने एक आदेश जारी किया जिसमें मराठा समुदाय, जिसे ‘हिंदू मराठा’ के रूप में पहचाना जाता है को शिक्षा और सरकारी नौकरियों में आरक्षण दिया गया।

इसे औपचारिक रूप से आधिकारिक राजपत्र में दर्ज किया गया, जिसे बाद में हैदराबाद गजट (Hyderabad Gazette) के नाम से जाना गया। हैदराबाद गजट (Hyderabad Gazette) में मध्य महाराष्ट्र के वर्तमान मराठवाड़ा क्षेत्र के कुछ हिस्से शामिल थे। यह राजपत्र पूर्ववर्ती हैदराबाद राज्य के कुछ मराठा समुदाय समूहों सहित कुछ समुदायों को कुनबी के रूप में वर्गीकृत करता है, जिन्हें महाराष्ट्र में ओबीसी श्रेणी में शामिल किया गया है।

इस राजपत्र को मराठा समुदाय के आरक्षण के लिए चल रहे संघर्ष में ऐतिहासिक साक्ष्य के रूप में उद्धृत किया जाता है। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की वर्तमान मांगों के दौरान इस दस्तावेज का बार-बार ऐतिहासिक प्रमाण के रूप में उल्लेख किया जाता रहा। मराठा समुदाय को लंबे समय से आधिकारिक अभिलेखों में सामाजिक और शैक्षणिक रूप से पिछड़ा माना जाता रहा है।

Tag: #nextindiatimes #HyderabadGazette #ManojJarange

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