डेस्क। पंजाब में एक बड़ा मामला सामने आया है। संनौर से आम आदमी पार्टी के विधायक हरमीत सिंह पठानमाजरा पुलिस हिरासत (police custody) से फरार हो गए हैं, जिसके बाद पंजाब में सियासी बवाल मचा हुआ है। दरअसल आप विधायक को रेप के आरोप में मंगलवार सुबह उनके आवास से गिरफ्तार किया गया था।
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फिलहाल हरमीत पठानमाजरा फरार है और पुलिस उनकी तलाश कर रही है। इससे पहले भी पुलिस हिरासत (police custody) से भागने के कई मामले हो चुके हैं जिनमें पुलिस कस्टडी से भागने के आरोप में कई अपराधियों को सजा सुनाई गई है। ऐसे में आइए जानते हैं कि पुलिस हिरासत से भागने पर कौन सी धारा के तहत मुकदमा दर्ज होता है और इसमें कितनी सजा का प्रावधान है।

पुलिस हिरासत (police custody) से भागने पर भारत में BNS की धारा 262 के तहत काफी कड़ी सजा का प्रावधान है। साथ ही दोषी पर मुकदमा भी चलाया जाता है। भारतीय न्याय संहिता के मुताबिक कोई व्यक्ति, जो कोर्ट द्वारा किसी जुर्म के लिए दोषी ठहराया गया हो या फिर किसी मामले में कुछ आरोपो के चलते उसे वैध तरीके से गिरफ्तार किया गया हो, अगर वह गिरफ्तारी में बाधा डालता। दोषी को हिरासत से भागने के लिए दो साल का कारावास या जुर्माना या दोनों से दण्डित किया जा सकता है।
इस मामले में लागू नहीं होगी BNS की धारा 262:
-जब व्यक्ति को गैर कानूनी तरीके जैसे-बल प्रयोग से हिरासत में लिया जाए।
-जब गिरफ्तारी किसी सिविल मामले में की गई हो।
-जब बिना FIR दर्ज किए गिरफ्तारी की गई हो।
-अगर किसी मामले की पूछताछ के लिए किसी व्यक्ति को बुलाया गया हो।
-अगर व्यक्ति को गिरफ्तारी के आदेश की जानकारी न हो।
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