डेस्क। इटली के पीसा शहर में स्थित पीसा की मीनार (Leaning Tower of Pisa) दुनिया भर में अपने झुकाव के लिए जाना है। इसका निर्माण 1173 में शुरू हुआ था। इसे बोनानो पिसानो ने डिजाइन किया था और यह पीसा के कैथेड्रल के घंटाघर के रूप में बनाई जा रही थी लेकिन जैसे ही निर्माण तीसरी मंजिल तक पहुंचा, मीनार झुकने लगी।
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इसका कारण था नरम और अस्थिर मिट्टी का होना, जिसने नींव को कमजोर कर दिया। इस वजह से 1178 में निर्माण कार्य रोक दिया गया। 1272 में इसका निर्माण फिर से शुरू हुआ। इंजीनियरों ने Leaning Tower of Pisa को सीधा करने में यह और झुकती चली गई। अंंत में 1370 में मीनार का निर्माण पूरा हुआ लेकिन तब तक यह 1.6 डिग्री तक झुक चुकी थी।

इसके बाद साल 1838 में आर्किटेक्ट अलेसांद्रो डेला घेरार्देस्का ने पीसा की मीनार के चारों ओर से मिट्टी हटवाने के काम शुरू किया, जिसके कारण इसका झुकाव और ज्यादा बढ़ गया। 1930 के दशक में इटली के फासीवादी तानाशाह बेनिटो मुसोलिनी ने पीसा की मीनार को सीधा करने का फैसला किया। उन्हें लगा कि एक झुकी हुई मीनार इटली की छवि को नुकसान पहुंचा रही है। इंजीनियरों ने मीनार की नींव में कंक्रीट भरने का काम शुरू किया, लेकिन इससे मीनार की नींव और कमजोर हो गई।
इस Leaning Tower of Pisa को बचाने के लिए साल 1999 में इंजीनियरों ने एक अनोखा तरीका अपनाया। उन्होंने मीनार के झुकाव की उल्टी दिशा में जमीन से मिट्टी हटाई। इस कोशिश से गारंटी मिली है कि 300 सालों तक मीनार नहीं गिरेगा, लेकिन फिर भी इस पर निगारानी जारी है। इसके बाद 2001 में मीनार को फिर से खोल दिया गया।
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