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Friday, August 8, 2025

सुषमा स्‍वराज के भाषण में होता था जादू, बदलकर रख दी विदेश मंत्रालय की सूरत

नई दिल्ली। सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) भारतीय राजनीति की एक ऐसी शख्सियत थीं, जिन्होंने अपनी प्रखर आवाज, कूटनीतिक और जनसेवा के प्रति समर्पण से देश-विदेश में अमिट छाप छोड़ी। सुषमा स्वराज की आज पुण्य तिथि है। आज ही के दिन 6 अगस्त 2019 को स्वास्थ्य संबंधी दिक्कतों के कारण उनका निधन हो गया था।

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14 फरवरी 1952 को हरियाणा के अंबाला में जन्मी Sushma Swaraj ने अपने चार दशक लंबे राजनीतिक जीवन में कई ऐतिहासिक उपलब्धियां हासिल कीं। वह न केवल भारत की पहली पूर्णकालिक महिला विदेश मंत्री थीं, बल्कि दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री और हरियाणा की सबसे युवा कैबिनेट मंत्री भी थीं।

Sushma Swaraj बोलती थीं तो जमाना बड़े गौर से सुनता था। वो ओजस्वी वक्ता थीं। उनकी वाकपटुता गजब की थी। मुहावरे और पौराणिक आख्यानों से विरोधियों पर वो ऐसा वार करती थीं कि चोट खाकर भी विरोधी मुस्कुरा उठते थे। सुषमा स्वराज ने 1970 के दशक में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से अपने राजनीतिक जीवन की शुरुआत की। 1977 में, मात्र 25 वर्ष की आयु में, वह हरियाणा सरकार में कैबिनेट मंत्री बनीं, जिससे उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली।

1980 में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के बाद, वह राम मंदिर आंदोलन में उमा भारती के साथ पार्टी में महिला शक्ति की प्रतीक बनकर उभरीं। 1998 में, वह दिल्ली की पहली महिला सीएम बनीं। हालांकि, उनका कार्यकाल केवल 52 दिनों का रहा। 1996 में, अटल बिहारी वाजपेयी के नेतृत्व वाली 13 दिनों की भाजपा सरकार के दौरान उन्हें सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाया गया। 2014 से 2019 तक मोदी सरकार में विदेश मंत्री के रूप में, सुषमा स्वराज ने भारतीय कूटनीति को एक नया आयाम दिया।

Tag: #nextindiatimes #SushmaSwaraj

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