एंटरटेनमेंट डेस्क। बॉलीवुड एक्ट्रेस रानी मुखर्जी (Rani Mukherjee) ने भारतीय सिनेमा को कई बेहतरीन फिल्में दी हैं। फिल्म इंडस्ट्री में उनके योगदान के लिए उन्हें कई अवार्ड्स मिल चुके हैं लेकिन अपने 30 साल के करियर में रानी को पहला नेशनल अवॉर्ड मिला है।
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रानी (Rani Mukherjee) को पहली बॉलीवुड फिल्म सलमान के पिता और राइटर सलीम खान ने उस वक्त ऑफर की थी, जब वे 10वीं क्लास में थीं। हालांकि, उनके पिता राम मुखर्जी ने यह कहकर ऑफर ठुकरा दिया की रानी अभी बहुत छोटी हैं और वे उनका फुल टाइम करियर चाहते हैं।
Rani Mukherjee के ना कहने के बाद हामिद अली खान के डायरेक्शन में बनी इस फिल्म में उर्मिला मातोंडकर को साइन किया गया। इस फिल्म का नाम था ‘आ गले लग जा’, जो 1994 में रिलीज हुई थी। सलीम खान ने इस फिल्म की कहानी लिखी थी। आ गले लग जा का ऑफर ठुकराने के बाद रानी को बंगाली सिनेमा से एक्टिंग डेब्यू करने का मौका मिला।

इसके बाद उनके हिंदी सिनेमा में जाने के रास्ते भी खुल गए थे। बॉलीवुड में भी उनका डेब्यू साल 1996 में ही हुआ था। उनकी पहली हिंदी फिल्म ‘राजा की आएगी’ बारात थी। इसमें उनके अभिनय को दर्शकों ने काफी पसंद किया था। फिर एक्ट्रेस ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 29 साल के करियर में रानी ने ‘कुछ कुछ होता है’, ‘गुलाम’, ‘बादल’, ‘चोरी चोरी चुपके चुपके’, ‘साथिया’, ‘चलते चलते’, ‘हम तुम, ‘बंटी और बबली’, ‘कभी अलविदा ना कहना’, ‘तलाश’, ‘मर्दानी’, ‘हिचकी’ और ‘मर्दानी 2’ जैसी सफल फिल्मों में काम किया है।
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