बिहार। बिहार के समस्तीपुर जिले के सिंघिया गांव में नागपंचमी (Nag Panchami) के दिन एक अनोखा मेला लगता है। इसे सांपों का मेला कहते हैं। यहां लोग जिंदा सांपों (snake) को गले में डालकर घूमते हैं।
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ये मेला विभूतिपुर प्रखंड के सिंघिया घाट पर हर साल लगता है। इस मेले में मां भगवती की पूजा होती है और लोग बूढ़ी गंडक नदी में सांपों (snake) के साथ उतरते हैं। यह मिथिला की पुरानी नाग परंपरा का हिस्सा है। मेले में लोग सांपों को मुंह में पकड़कर करतब भी दिखाते हैं। भक्त माता विषहरी का नाम लेकर जहरीले सांपों से खेलते हैं। वे सांपों को नदी से निकालते हैं और माता का जयकारा करते हैं।

पूजा के बाद सांपों (snake) को जंगल में छोड़ दिया जाता है। यह मेला मिथिला में बहुत प्रसिद्ध है। यहां नाग देवता की पूजा सदियों से हो रही है। स्थानीय लोगों का कहना है कि यह मेला 100 साल से भी ज्यादा पुराना है। यहां विषहरा की पूजा होती है। महिलाएं अपने परिवार की तरक्की के लिए नाग देवता की पूजा करती हैं। मन्नत पूरी होने पर वे गहवर में प्रसाद चढ़ाती हैं।
पूजा करने के लिए समस्तीपुर के अलावा कई और जिलों से भी लोग आते हैं। मंगलवार को बहुत से श्रद्धालु सांप (snake) लेकर सिंघिया घाट पहुंचे और पूजा की। लोगों का मानना है कि विषधर माता सबकी इच्छाएं पूरी करती हैं।
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