नई दिल्ली। 8वें वेतन आयोग के लागू होने को लेकर केंद्रीय कर्मचारियों (employees) को बेसब्री से इंतजार है। 7वां वेतन आयोग इस साल समाप्त हो रहा है। अगले साल से 8वें वेतन आयोग के लागू होने की उम्मीद है। केंद्र की मोदी सरकार ने 16 जनवरी 2025 को केंद्र सरकार ने 8वें वेतन आयोग के गठन की मंजूरी दी थी।
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इस मंजूरी के बाद लाखों लाखों केंद्रीय कर्मचारियों (employees) और पेंशनभोगियों में खुशी की लहर दौड़ गई। यह आयोग कर्मचारियों के वेतन, भत्तों और पेंशन में बदलाव की सिफारिश करेगा। सिफारिशों के आधार पर ही वेतन में वृद्धि की जाएगी। 8वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर ही सैलरी तय करेगा। यह मौजूदा सैलरी को बढ़ाने का एक तरीका है, जिसका इस्तेमाल आयोग करा है।
7वें वेतन आयोग में यह 2.57 था, जिसने न्यूनतम सैलरी को 7,000 से 18,000 रुपये किया। अब 8वें आयोग में फिटमेंट फैक्टर 2.86 हो सकता है। हालांकि, यह आयोग पर निर्भर करता है कि वह कितना करता है। कर्मचारी संगठन (employee organization) NC-JCM ने 2.86 या इससे ज्यादा की मांग की है। लेकिन विशेषज्ञों का मानना है कि यह 1.92 से 2.86 के बीच रह सकता है।

अगर हम 2.86 फिटमेंट फैक्टर के हिसाब से सैलरी का अनुमान लगाएं तो यह इस प्रकार हो सकती है। चपरासी (लेवल-1) को अभी 18,000 रुपये, नई सैलरी 51,480 रुपये। पेंशन 9,000 से बढ़कर 25,740 रुपये। लेवल-2 कर्मचारी को अभी 19,900 रुपये, नई सैलरी 56,914 रुपये मिलेंगे। लेवल-6 (मध्य-स्तरीय) को अभी 35,400 रुपये, नई सैलरी 1,01,244 रुपये मिलेंगें और IAS/IPS (लेवल-10) को अभी 56,100 रुपये, नई सैलरी 1,60,446 रुपये मिलेंगे।
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