एजुकेशन डेस्क। भारत में यूपीएससी की सिविल सेवा परीक्षा को सबसे कठिन परीक्षा माना जाता है, लेकिन क्या आप दुनिया की सबसे कठिन परीक्षा (exam) के बारे में जानते हैं।
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दरअसल चीन में हर साल जून माह में गाओकाओ (Gaokao) परीक्षा का आयोजन किया जाता है, जिसे दुनिया की सबसे कठिन परीक्षा (exam) माना जाता है। यह परीक्षा इतनी ज्यादा कठिन होती है कि इसमें सफल होने के लिए छात्र IV ड्रिप और पीरियड्स को रोकने के लिए मेडिसिन का सहारा लेते हैं। साथ ही विश्वविद्यालयों व कॉलेजों में प्रवेश के लिए चीन के छात्र दिन रात इस परीक्षा की तैयारी में जुटे रहते है, जिसके कारण उनकी नींद की गुणवत्ता तो खराब होती ही है।
अमूमन छात्र तनाव, अवसाद का शिकार भी हो जाते है। गाओकाओ (Gaokao) का अर्थ होता है, सबसे कठिन परीक्षा (exam)। आपको बता दें, वर्ष 2019 से अब तक लगभग 10 मिलियन से अधिक अभ्यर्थी गाओकाओ परीक्षा में शामिल हो चुके है। साथ ही इस परीक्षा की निगरानी ड्रोन के माध्यम से की जाती है। इस परीक्षा का वर्ल्ड रैंकिंग में नंबर वन स्थान प्राप्त है।

गाओकाओ की परीक्षा (Gaokao exam) में छात्रों से गणित, चीनी भाषा और एक विदेशी भाषा से सवाल पूछे जाते है। साथ ही इस परीक्षा में तीन अन्य विषयों से भी सवाल पूछे जाते है, जिसमें भौतिकी, रसायन विज्ञान, जीव विज्ञान, राजनीति विज्ञान, इतिहास और भूगोल शामिल हैं।
चीन में गाओकाओ की परीक्षा (Gaokao exam) दो दिन के लिए आयोजित कराई जाती है, जिसमें छात्र को लगभग दस घंटे का एग्जाम देना होता है। यह परीक्षा कुल 750 अंकों के लिए आयोजित कराई जाती है। लेकिन इसकी कटऑफ 600 तक जाती है।
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