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Saturday, July 12, 2025

टेलीफोन ऑपरेटर थे सिनेमा के ये शहंशाह, फिर ऐसे चमकी किस्मत

एंटरटेनमेंट डेस्क। गुरु दत्त (Guru Dutt) फिल्म जगत का वो नाम रहे, जिन्होंने अपने तौर-तरीकों से सिनेमा की काया पलट कर दी थी। इंटरनेशनल लेवल तक बॉलीवुड (Bollywood) को पहचान दिलाने में गुरु दत्त का योगदान अहम रहा है। हम आपको गुरु दत्त की जिंदगी के उस पहलू के बारे में बताने जा रहे हैं, जब वह एक टेलीफोन ऑपरेटर (telephone operator) के तौर पर काम किया करते थे।

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9 जुलाई 1925 को गुरु दत्त (Guru Dutt) का जन्म हुआ था। हिंदी सिनेमा में उन्होंने एक अभिनेता, निर्माता और निर्देशक के तौर पर अपनी पहचान बनाई। उनकी लेगेसी के बारे में हमेशा चर्चा की जाती है। लेकिन क्या आप जानते हैं फिल्म लाइन में आने से पहले एक टेलीफॉन ऑपरेटर (telephone operator) का काम किया करते थे।

कोलकाता में गुरु दत्त (Guru Dutt) का बचपन बीता और यहां से ही उनके अंदर कला और शास्त्र के लिए रुचि जागी। लेकिन एक वक्त ऐसा आया जब वह अपने परिवार के साथ बंबई (मुंबई) शिफ्ट हो गए थे। परिवार की आर्थिक स्थिति खराब हो गई थी और गुजारा करने के लिए गुरु दत्त ने नौकरी की तलाश शुरू कर दी। 1940 के दशक में वह कोलकाता की लीवर ब्रदर्स फैक्ट्री में टेलीफॉन ऑपरेटर के तौर पर काम करने लगे। लेकिन कुछ समय बाद ही वह अपने परिवार के पास बंबई लौट गए।

1994 में आई फिल्म चांद नमक में गुरु दत्त (Guru Dutt) ने पहली बार कैमरा फेस किया और इस मूवी में उन्होंने श्रीकृष्ण की एक छोटी से भूमिका को निभाया लेकिन बतौर लीड एक्टर उनकी डेब्यू फिल्म सुहागन को माना जाता है। हालांकि इससे पहले वह 1950 के दशक में देव आनंद जैसे कलाकारों की फिल्मों का निर्देशन कर चुके थे। बतौर एक्टर और निर्देशक गुरुदत्त ने अपने करियर में एक से बढ़कर एक मूवीज के जरिए दर्शकों का भरपूर मनोरंजन किया था।

Tag: #nextindiatimes #GuruDutt #Entertainment

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