डेस्क। आजकल जिस तरह से ATM (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) के सामने लोगों की लंबी लाइन लगी रहती है, उससे आप भी समझ ही गए होंगे कि यह मशीन (machine) आज हमारे लिए कितनी उपयोगी हो गई है। क्या आप जानते हैं कि इसका आइडिया सबसे पहले कब और कैसे आया था? चलिए इसके बारे में ही हम आपको इस लेख में बताते हैं।
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27 जून 1967 को लंदन के एन्फील्ड इलाके में दुनिया का पहला ATM (ऑटोमेटेड टेलर मशीन) स्थापित किया गया था। इसका उद्घाटन ब्रिटिश अभिनेता रेग वर्णी ने किया था, जो उस समय की प्रसिद्ध टीवी शो ‘ऑन द बसिज’ के प्रमुख अभिनेता थे। यह एटीएम बार्कलेज बैंक की शाखा के बाहर लगाया गया था और इसे ‘बार्कलेकैश’ नाम दिया गया था। इसमें एक बार में अधिकतम £10 तक की निकासी की अनुमति थी।

बात 1965 की है। एक दिन ATM के स्कॉटिश आविष्कारक जॉन शेफर्ड बैरॉन को पैसे की जरूरत थी। वे बैंक गए लेकिन एक मिनट की देरी से पहुंचे। बैंक बंद हो चुका था और वे पैसे नहीं निकाल पाए। इसके बाद ही उन्होंने सोचा कि जब एक मशीन से चॉकलेट निकल सकता है, तो फिर 24 घंटे पैसे क्यों नहीं निकल सकते और अगर ऐसा हो जाए, तो लोगों को कितनी सहूलियत होगी। इसके बाद ही उन्होंने एटीएम मशीन का निर्माण किया।
भारत में पहला ATM 1987 में मुंबई के एचएसबीसी बैंक की सहार रोड शाखा में स्थापित किया गया था। यह एटीएम भारतीय बैंकिंग प्रणाली में एक नई क्रांति का प्रतीक बना। इसके बाद एटीएम नेटवर्क का विस्तार तेजी से हुआ और आज भारत में लाखों एटीएम स्थापित हैं, जो लाखों लोगों को 24×7 बैंकिंग सेवाएं प्रदान करते हैं।
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