मऊ। उत्तर प्रदेश के मऊ सदर विधायक (MLA) अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) की विधानसभा सदस्यता खत्म हो गई है। शनिवार को मऊ कोर्ट ने हेट स्पीच केस (hate speech case) में सजा का ऐलान किया। इसमें सदर विधायक अब्बास अंसारी और उसके चाचा मंसूर अंसारी को दोषी करार दिया गया। कोर्ट ने अब्बास अंसारी को दो साल और मंसूर अंसारी को मामले में छह माह की सजा सुनाई।
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भारत निर्वाचन आयोग की ओर से नियमानुसार MLA की खाली सीट को भरने के लिए छह माह के भीतर उपचुनाव कराया जाएगा। विधानसभा सचिवालय के सूत्रों के अनुसार, कानून के मुताबिक कोर्ट का निर्णय आने के साथ ही विधायक की सदस्यता खत्म हो चुकी है। कोर्ट के फैसले की तिथि से ही सदस्यता खत्म मानी जाएगी।
जहां तक विधायकी का सवाल है तो अगर पार्टी ओर से विधायकी छीनने की बात लिखित रूप से दी जाती है तो भी यह विधानसभा अध्यक्ष पर निर्भर करता है कि वह इस पर क्या फैसला लेंगे। इसके अलावा यदि विधायक किसी दूसरे दल या पार्टी में शामिल हो जाते हैं या अपनी पार्टी बना लेते हैं तो उनकी विधायकी जा सकती है। ऐसे में दलबदल कानून के तहत वह विधायक (MLA) नहीं रहते।

फिलहाल अब्बास अंसारी (Abbas Ansari) इस फैसले को अब हाई कोर्ट में चुनौती दे सकते हैं। हालांकि, वह विधानसभा सदस्यता (MLA) जाने को चुनौती नहीं दे सकते हैं। वह हेट स्पीच केस में दो साल की सजा सुनाए जाने को चुनौती देंगे। अब्बास के वकील का दावा है कि जल्द ही मामले को हाई कोर्ट में ले जाया जाएगा। इस फैसले पर रोक के लिए अपील होगी। उनकी कोशिश अब विधानसभा सदस्यता दोबारा बहाल कराने के लिए कोर्ट के फैसले पर रोक लगाने की होगी।
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