डेस्क। इस बार भारत के दक्षिणी छोर पर केरल तक मॉनसून (monsoon) दस दिन पहले ही पहुंच गया। सामान्य तौर पर दक्षिण पश्चिमी मॉनसून एक जून को केरल तट को पार करता है लेकिन इस बार 23 मई को ही केरल में मॉनसून की झमाझम बारिश (rain) शुरू हो गई। केरल में इन दिनों बादल कितना जमकर बरस रहे हैं जबकि पिछले साल 30 मई और 2023 में 8 जून को मॉनसून केरल (Kerala) पहुंचा था।
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मॉनसून (monsoon) बड़ी ही तेज़ी से आगे भाग रहा है। इतनी तेज़ी से कि केरल पहुंचने के अगले ही दिन मॉनसून महाराष्ट्र (Maharashtra) पहुंच गया और मुंबई में भी मॉनसून की बारिश (rain) जमकर हो रही है। आपके क्षेत्र में मानसून की पहचान करने के लिए हम आपको कुछ संकेत बताते हैं। जब मानसून आने वाला होता है, तो कुछ प्राकृतिक संकेत और मौसम में बदलाव दिखने लगते हैं। ये संकेत आपको बता सकते हैं कि मानसून करीब है।
मानसून (monsoon) की आहट का अंदाजा इसी बात से लगा सकते हैं कि गर्मी की तीव्रता अचानक कम हो जाती है, हवा में नमी बढ़ जाती है और मौसम हल्का ठंडा महसूस होता है। इसके अलावा मानसून के संकेतों में बादलों का बनना और दिशा बदलना, आसमान में काले, घने बादल छाने लगना भी शामिल है।

जब हवाओं की दिशा दक्षिण-पश्चिम (Southwest) से चलने लगती है तो यह मानसूनी हवाओं की पहचान है। मानसून के आने से पहले कुछ क्षेत्रों में हल्की या तेज़ बारिश होने लगती है, जिसे प्री-मानसून शावर (pre-monsoon) कहा जाता है। ये बारिश वातावरण को ठंडा करती है और भूमि की तपन को कम करती है।आसमान में अक्सर बिजली चमकती है और गरज होती है, जो मानसून के पास होने का संकेत देती है।
हालांकि प्रकृति की तरफ से मानसून (monsoon) आने के और भी संकेत मिलने लगते हैं जैसे-मेंढक की टर्र-टर्र की आवाज़ें सुनाई देने लगती हैं। कुछ कीड़े-मकोड़े, जैसे लाल चींटियाँ जमीन के ऊपर घोंसला बनाना शुरू कर देते हैं। पेड़-पौधों की हरियाली अचानक और ज्यादा बढ़ने लगती है।
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