स्पोर्ट्स डेस्क। भारत का एशियाई U18 एथलेटिक्स चैंपियनशिप (Asian U18 Athletics Championship) में 11 पदक के साथ सफर खत्म हुआ। भारत की झोली में एक स्वर्ण (gold), पांच रजत और पांच कांस्य पदक आए। यह चैंपियनशिप सऊदी अरब के दम्मम में शुक्रवार यानी 18 अप्रैल को समाप्त हुई। हिमांशु ने भाला फेंक में 67.57 मीटर के थ्रो के साथ भारत को स्वर्ण पदक दिलाया। यह एशियाई U18 चैंपियनशिप में भारत का भाला फेंक (Javelin throw) में पहला गोल्ड है।
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फिलहाल आज हम बात करेंगे जेवेलिन (Javelin) स्टार हिमांशु के जूनून की। धावक के रूप में शुरुआत करने वाले हिमांशु ने जब जैवलिन थ्रो (Javelin throw) की प्रैक्टिस शुरू की तो ग्रामीण उनका मजाक उड़ाते थे। आर्थिक तंगी के चलते हिमांशु ने जुगाड़ से लकड़ी का भाला बनाया और गांव से करीब तीन किलोमीटर दूर आम के बगीचे में प्रैक्टिस शुरू की। यह देखकर गांव वाले उनसे कहते कि क्या मवेशी चराने जा रहे हो… विराट कोहली नहीं बन जाआगे। गांव वालों के इन्हीं तंज को हिमांशु ने अपनी ताकत बनाई और उसका चयन खेलो इंडिया यूथ गेम्स के लिए हो गया।

इसके बाद हिमांशु राजस्थान में कोच खड़ग सिंह से जैवलीन की बारीकियां सीखने लगे। उन्होंने 2021 में गुवाहाटी में आयोजित 36वें जूनियर नेशनल में जैवलीन थ्रो में गोल्ड मेडल अपने नाम किया तो रायपुर में 32वें वेस्ट जोन चैंपियनशिप में भी स्वर्ण पदक जीता। दिल्ली में हुए थर्ड इंडियन जैवलीन चैलेंज (Javelin throw) में उन्हें चौथी पोजिशन से संतोष करना पड़ा मगर कड़ी मेहनत के बाद एमपी यूथ चैम्पियनशिप में एक बार फिर गोल्ड झटक लिया।
जमशेदपुर में हुई फोर्थ ओपन इंडियन जैवलीन चैलेंज (Javelin throw) में हिमांशु ने 66.40 मीटर भाला फेंककर सिल्वर मेडल अपने नाम किया और अब हिमांशु ने एशियाई U18 एथलेटिक्स चैंपियनशिप में लड़कों के भाला फेंक में भारत को पहला स्वर्ण पदक दिलाया। बता दें एशियाई U18 एथलेटिक्स चैंपियनशिप के 2025 संस्करण में भारतीय एथलीटों ने 11 पदक जीते, जिसमें एक स्वर्ण, पांच रजत और पांच कांस्य शामिल रहे।
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