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Saturday, April 19, 2025

महावीर जयंती और महावीर स्वामी के बारे में ये खास बात नहीं जानते होंगे आप !

डेस्क। जैन धर्म (Jainism) के लोगों के लिए महावीर जयंती (Mahavir Jayanti) का खास महत्व होता है। यह त्योहार हर साल चैत्र माह (Chaitra) के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। इस खास दिन पर शोभा यात्रा, प्रभात फेरी और अनुष्ठान का आयोजन भी किया जाता है। बता दें कि जैन धर्म के लोग इस त्योहार को बहुत धूम-धाम से मनाते हैं। इस वर्ष महावीर जयंती (Mahavir Jayanti) का त्योहार 10 अप्रैल दिन गुरुवार को मनाई जा रही है।

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पौराणिक मान्यताओं और कथा में बताया गया है कि भगवान महावीर जैन धर्म के 24वें तीर्थकर थे। उनके जन्म के उपलक्ष में यह पर्व मनाया जाता है। महावीर स्वामी (Mahavir Swami) को उन 24 लोगों में से एक माना जाता है, जिन्होंने कठिन तपस्या करके आत्मज्ञान प्राप्त किया था। कहा जाता है कि लगातार 12 साल तक महावीर भगवान ने कठोर तपस्या की थी। मौन, तप और जप करने के बाद महावीर देवता ने अपनी इंद्रियों पर पूरी तरह काबू पाया और ज्ञान प्राप्त किया था।

दिलचस्प बात ये है कि महावीर भी उसी मगध क्षेत्र यानी आज के बिहार के थे जहां के गौतम बुद्ध थे। अहिंसा के इस उपदेशक का जन्म क्षत्रिय जाति में हुआ। कहा जाता है कि महावीर ने 30 साल उम्र में भ्रमण करना शुरू किया और वो 42 साल की उम्र तक भ्रमण करते रहे। भारत में महावीर स्वामी का सबसे बड़ा मंदिर राजस्थान के करौली जिले में स्थित है। इसका नाम है अतिशय क्षेत्र श्री महावीरजी मंदिर।

जैन धर्म के लोग महावीर जयंती (Mahavir Jayanti) के खास अवसर पर शोभ यात्रा निकालने से पहले मंदिरों में महावीर देवता का सोने और चांदी के कलश से अभिषेक भी करते हैं। मान्यताओं के मुताबिक, महावीर भगवान अपना घर-परिवार और राजसी ठाठ बाट को त्यागकर अध्यात्म की राह पर निकल गए थे। उनके द्वारा बताए गए 5 प्रमुख सिद्धांत सत्य, अहिंसा, असत्य, अपरिग्रह, ब्रह्मचर्य का पालन करना है।

Tag: #nextindiatimes #MahavirJayanti #MahavirSwami

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