चमोली। शुक्रवार को उत्तराखंड (Uttarakhand) के माणा में ग्लेशियर टूटने से भारी हिमस्खलन (avalanche) हो गया था। जिससे BRO के कैंप को क्षति पहुंची है। इस दौरान 55 मजदूर बर्फ में दब गए थे, जिनमें से 50 को बचा लिया गया है। 5 लापता लोगों की तलाश जारी है। चार श्रमिकों (workers) की मौत हो गई है।
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पीएम मोदी ने सीएम धामी (CM Dhami) से बात करके राहत और बचाव अभियान की जानकारी ली। सुरक्षित बाहर निकाले गए श्रमिकों (workers) को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। वहीं सीएम धामी ने चार मजदूरों की मौत पर दुख जताया है। वहीं पीआरओ डिफेंस देहरादून लेफ्टिनेंट कर्नल मनीष श्रीवास्तव ने बताया है कि बर्फ में दबे चार मजदूरों की मौत हो गई है। पांच की तलाश जारी है जबकि 46 मजदूर सुरक्षित हैं। सीएम धामी (CM Dhami) भी मौके पर मौजूद हैं।

उत्तराखंड के चमोली (Chamoli) जिले के बदरीनाथ धाम के निकट माणा के पास शुक्रवार को एवलांच आ गया था। BRO कैंप के पास निर्माण कार्य में जुटे विभिन्न राज्यों के 55 मजदूर एवलांच की चपेट में आने से बर्फ में दब गए थे। सूचना मिलते ही सेना, आईटीबीपी, एसडीआरएफ समेत तमाम टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया था। कल दिन तक ही बर्फ में दबे 10 मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया था।
कल शाम पांच बजे तक टीमों ने 32 मजदूरों का रेस्क्यू कर लिया था। उसके बाद फिर से बर्फबारी होने के कारण रेस्क्यू रोकना पड़ा था। इसके कारण रात भर 22 मजदूर बर्फ में दबे रहे। आज सुबह होते ही दोबारा रेस्क्यू शुरू कर दिया था। आज भी 15 मजदूरों (workers) का रेस्क्यू किया गया है। दोपहर में रेस्क्यू टीमों ने बर्फ से चार शव बरामद किए। अभी भी पांच श्रमिक (workers) बर्फ में दबे हुए हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।
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