चमोली। उत्तराखंड (Uttarakhand) के पर्वतीय इलाकों में लगातार हो रही बर्फबारी के कारण कर्फ्यू जैसी स्थित हो गई है। बर्फबारी (snowfall) के चलते कई मार्ग बंद हो गए हैं। सड़कों पर कई किमी तक बर्फ ही बर्फ बिछी हुई है। जिससे जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। आज भी उत्तराखंड (Uttarakhand) के कई जिलों में बारिश के आसार हैं। इसके बाद तीन और चार मार्च को भी मौसम (weather) खराब रहने की संभावना है।
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शनिवार को देहरादून, उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, टिहरी, पौड़ी, चमोली, पिथौरागढ़, बागेश्वर, अल्मोड़ा, नैनीताल और चंपावत में बारिश की संभावना है। 2500 मीटर व उससे अधिक ऊंचाई वाले स्थानों में हल्की से मध्यम बर्फबारी (snowfall) हो सकती है। हिमस्खलन को लेकर भी अलर्ट जारी किया है। उत्तराखंड (Uttarakhand) के उत्तरकाशी, चमोली, रुद्रप्रयाग, पिथौरागढ़ और बागेश्वर हिमस्खलन को लेकर चेतावनी जारी की गई है। इसमें सबसे ज्यादा खतरा चमोली जिले को है।

आपको बता दें कि शुक्रवार को उत्तराखंड (Uttarakhand) के माणा में ग्लेशियर (glacier) टूटने से भारी हिमस्खलन हो गया था। जिससे बीआरओ के कैंप को क्षति पहुंची है। बताया गया था कि यहां करीब 55 मजदूरों के होने की सूचना है। हिमस्खलन से जहां कई मार्गों को बंद कर दिया गया है। वहीं कई जगहों पर क्षति भी पहुंची है। सीमांत जिले में बारिश व बर्फबारी से गंगोत्री हाईवे पर गंगनानी से आगे आवाजाही ठप हो गयी है। गंगनानी से गंगोत्री के बीच हाईवे पर डबरानी में हिमस्खलन हुआ है।

फिलहाल चमोली (Chamoli) में मौसम साफ हो गया है। बारिश और बर्फबारी थम गई है। रेस्क्यू ऑपरेशन सुबह फिर से शुरू किया गया है। बद्रीनाथ धाम में मौजूद सेना व ITBP लापता मजदूरों की खोजबीन में जुटी हुई है। भारतीय सेना ने अथक प्रयासों के बाद 14 और मजदूरों को बचा लिया है। जिनमें से एक को माणा हिमस्खलन स्थल से गंभीर पाया गया।
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