उत्तराखंड। उत्तराखंड (Uttarakhand) के चकराता (Chakrata) ब्लाक से जुड़े पुनाह पोखरी पंचायत के खेड़ा किरथात में स्थानीय दो बागवानों के सेब (apple) के बगीचों में लगी आग की चपेट में आने से 1200 फलदार पेड़ जलकर राख हो गए। इस घटना से प्रभावित बागवानों को लाखों का नुकसान हुआ है।
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सूचना मिलने पर राजस्व विभाग की टीम ने घटना स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने नुकसान की रिपोर्ट उच्चाधिकारियों को भेजी है। बताया जाता है कि (apple) बगीचों के नीचे स्थित झाड़ियों में लगी आग विकराल होकर चारों तरफ फैल गई। जौनसार बावर में अधिकांश ग्रामीण परिवारों की आजीविका खेती-बागवानी पर निर्भर है। इस बार समय से हुई बारिश व बर्फबारी के चलते फलों की अच्छी पैदावार होने की उम्मीद लगाए बैठे पुनाह पोखरी निवासी कृषकों की मुसीबत बढ़ गई।

इसके अलावा त्यूणी में रडू गांव के खेड़ा रूपाहा में भीषण आग लगने से तीन परिवारों के मकान जलकर राख हो गए। गनीमत ये रही जिस वक्त मकानों में आग लगी परिवार के लोग खेती-बागवानी के काम से (apple) के बगीचे में गए हुए थे। बताया जा रहा है कि पास के जंगल से फैली आग की चपेट में आने से ग्रामीणों के लकड़ी से निर्मित दो मंजिला आवासीय भवनों ने आग पकड़ ली। तहसीलदार ने क्षेत्रीय पटवारी से घटना की जांच रिपोर्ट मांगी है।
प्रभावित कृषकों ने बताया कि बगीचे में आग से सेब (apple), आड़ू, अखरोट, खुमानी व अन्य फलदार पेड़ जलकर नष्ट हो गए। इससे उन्हें लाखों का नुकसान हुआ। घटना से बगीचा तैयार करने में लगी सात से आठ वर्ष की मेहनत पर एक झटके में पानी फिर गया। प्रभावित बागवानों ने प्रशासन से उचित मुआवजे की मांग की है।
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