नई दिल्ली। टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। सीबीआई ने शनिवार को तृणमूल कांग्रेस सांसद महुआ मोइत्रा के खिलाफ पैसे लेकर सवाल पूछने के आरोपों की जांच शुरू कर दी है। इस मामले में लोकपाल के संदर्भ को आधार बना जांच शुरू की गई है।
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भारतीय जनता पार्टी सांसद निशिकांत दुबे ने पैसे लेकर संसद में सवाल पूछने के आरोपों को लेकर मोइत्रा के खिलाफ एक शिकायत के साथ लोकपाल का रुख किया था। दुबे ने मोइत्रा पर मौद्रिक लाभ के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा से समझौता करने का भी आरोप लगाया है। लोकसभा की आचार समिति भी मोइत्रा पर लगे आरोपों की जांच कर रही है।
सीबीआई ने एक प्रारंभिक जांच दर्ज की है जो यह पता लगाने की दिशा में पहला कदम है कि क्या आरोप पूर्ण स्तरीय जांच के योग्य हैं। प्रारंभिक जांच के दौरान अगर पर्याप्त प्रथम दृष्टया सामग्री मिलती है तो सीबीआई इसे प्राथमिकी में बदल सकती है। दुबे ने मोइत्रा पर उपहार के बदले व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी के इशारे पर अडानी समूह और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को निशाना बनाने के लिए लोकसभा में सवाल पूछने का आरोप लगाया था। मोइत्रा ने कोई भी गलत काम करने से इनकार किया है और दावा किया है कि उन्हें निशाना बनाया जा रहा है क्योंकि उन्होंने अडाणी समूह के सौदों पर सवाल उठाए थे।
सूत्रों ने कहा कि लोकपाल के रिफरेंस की जांच के बाद अगला कदम तय होगा। अगर मामला पुख्ता पाया गया तो सीधे एफआईआर भी हो सकती है। अभी यह देखा जा रहा है कि क्या आरोप पूर्ण जांच के योग्य हैं। यदि प्रथम दृष्टया ठोस मामला बनता है, तो सीबीआई इसे एफआईआर में बदल सकती है या पीई भी दर्ज की जा सकती है।
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