एटा। यूपी के एटा (Etah) जनपद के जलेसर में वक्फ बोर्ड (Waqf Board) ने शनिदेव मंदिर (Shanidev temple) के हक में दावा छोड़ा है। ढाई साल पहले वक्फ बोर्ड की कमेटी पर करोड़ों के चढ़ावे और करोड़ों की अवैध रूप से जमीन बेचने के उठे विवाद के बाद अध्यक्ष सहित वक्फ बोर्ड की कमेटी के 9 लोगो के खिलाफ थाना जलेसर में FIR दर्ज हुई थी।
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जांच के बाद वक्फ बोर्ड (Waqf Board) पीछे हटा है क्योंकि वक्फ बोर्ड के रिकॉर्ड में एटा (Etah) जनपद के छोटे मियां और बड़े मियां की ये दरगाह उस लिस्ट में दर्ज ही नहीं थी। ऑल इंडिया वक्फ बोर्ड ने ये दावा शनि महाराज के पक्ष में छोड़ दिया। इसको लेकर एटा जनपद के तमाम हिंदू संगठनों ने इसको लेकर खुशी जाहिर की है। कोई इसे डरकर छोड़ने की बात कह रहे तो कई लोग इसे वक्फ बोर्ड की अच्छी पहल बता रहे है।
जनपद एटा के जलेसर की छोटे मियां-बड़े मियां की जात मशहूर है। यहां शनि देव मंदिर (पूर्व में दरगाह) से वक्फ बोर्ड (Waqf Board) ने अपना दावा वापस ले लिया है। करीब ढाई साल पहले इस संपत्ति को लेकर विवाद हुआ था। दरगाह कमेटी के अध्यक्ष सहित 9 लोगों पर रिपोर्ट दर्ज हुई थी और कमेटी को भंग कर दिया गया था। इसके बाद से यहां प्रशासक की तैनाती चल रही है।
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जलेसर देहात में छोटे मियां और बड़े मियां दरगाह के नाम से स्थित एक परिसर की धार्मिक मान्यता प्रदेश के साथ ही अन्य राज्यों में भी है। बुधवार और शनिवार को होने वाली जात करने के लिए दूर-दूर से यहां लोग आते हैं। दशकों से यहां दरगाह कमेटी बनी हुई थी जो चढ़ावे की मालिक होती थी। 2022 में चढ़ावे में गबन का मामला पाए जाने पर कमेटी को भंग कर दिया गया। इस बीच आवाजें उठीं कि दरगाह मंदिर पर कब्जा करके बनवा ली गई थी। इस संबंध में परिसर की खुदाई कराई गई तो यहां हनुमान जी और शनिदेव की प्रतिमाएं मिट्टी में दबी हुई निकलीं। इन्हें स्थापित कर पूजा-अर्चना शुरू कर दी गई थी। पिछले दिनों वक्फ संपत्तियों का सर्वे कराया गया था। इसके बाद वक्फ बोर्ड (Waqf Board) ने जो सूची जारी की है, उसमें जलेसर की इस दरगाह का नाम नहीं है।
(रिपोर्ट- हर्ष द्विवेदी, एटा)
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