नई दिल्ली। AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने लोकसभा में चल रही संविधान (Constitution) पर चर्चा में अपनी बात रखी। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार (government) पर जमकर निशाना साधा। संभल मामले को लेकर कहा कि आज मस्जिद के नीचे मंदिर होने के सबूत ढूंढे जा रहे हैं। ओवैसी ने बाबा साहेब अम्बेडकर के 1947 के एक ज्ञापन का हवाला दिया जिसमें अल्पसंख्यकों की सत्ता में भागीदारी की वकालत की गई थी।
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अपने भाषण में ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने संविधान (Constitution) के कई आर्टिकल का भी जिक्र किया। उन्होंने हिजाब विवाद, मॉब लिंचिंग, धार्मिक स्थलों के विवाद को उठाया। ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने आरोप लगाया कि वक्फ की संपत्तियों का दुरुपयोग हो रहा है। ओवैसी ने सच्चर समिति की रिपोर्ट का भी जिक्र करते हुए कहा कि मुसलमानों का राजनीतिक हाशिये पर जाना चिंता का विषय है। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या नई जनगणना के बाद परिसीमन में इस रिपोर्ट की सिफारिशों को ध्यान में रखा जाएगा या मुसलमानों का हाशिये पर जाना जारी रहेगा।
उन्होंने कहा कि संसदीय लोकतंत्र की सफलता का पैमाना संविधान (Constitution) के कुछ खास अनुच्छेदों के पालन में है। ये अनुच्छेद हैं 25, 26, 29, 30, 14 और 21। उन्होंने कहा कि इन अनुच्छेदों को देखकर पता चलता है कि कमजोर वर्गों के साथ वास्तव में न्याय हुआ है या नहीं। सरकार वक्फ (Waqf) को खत्म करने की कोशिश कर रही है। यह अनुच्छेद 26 की गलत व्याख्या है। वक्फ की संपत्तियों को अक्सर ऊंची जाति के लोगों के फायदे के लिए छीन लिया जाता है।
ओवैसी (Asaduddin Owaisi) ने कहा आर्टिकल 15 और 16 के जरिये आरक्षण दिया गया था, जो ऐतिहासिक अन्याय को दूर करने का एक प्रयास था लेकिन जिन लोगों का धर्म इस्लाम था, उन्हें यह आरक्षण नहीं दिया गया, जबकि वे भी अन्याय और उत्पीड़न का शिकार रहे हैं। आर्टिकल 25 धार्मिक स्वतंत्रता की बात करता है। आज उनकी बेटियों को सरकारी शिक्षण संस्थानों में हिजाब पहनने की इजाजत नहीं है। यह आर्टिकल 25 के प्रावधानों का उल्लंघन है।
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