बिहार। छठ (Chhath) पर्व के नहाय खाय के दिन बिहार के संगीत प्रेमियों को बड़ा झटका लगा है। पद्म पुरस्कार से सम्मानित बिहार की स्वर कोकिला शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) के सुर अब हमेशा के लिए खामोश हो गए। मंगलवार को गायिका शारदा सिन्हा ने 72 साल की उम्र में दिल्ली के एम्स (AIIMS) में अंतिम सांस ली।
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सोमवार की शाम को ही शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) की तबीयत अधिक बिगड़ गयी थी और उन्हें वेंटिलेटर (ventilator) पर शिफ्ट करना पड़ा था। मंगलवार को उनके बटे अंशुमान सिन्हा ने एक्स पर पोस्ट करके जानकारी दी कि आप सब की प्रार्थना और प्यार हमेशा मां के साथ रहेंगे। मां को छठी मईया (Chhath) ने अपने पास बुला लिया है। मां अब शारीरिक रूप में हम सब के बीच नहीं रहीं।
राष्ट्रपति (President) ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा कि बिहार कोकिला के रूप में प्रसिद्ध गायिका डॉक्टर शारदा सिन्हा (Sharda Sinha) जी के निधन का समाचार अत्यंत दुखद है। बिहारी लोक गीतों को मैथिली और भोजपुरी में अपनी मधुर आवाज़ देकर शारदा सिन्हा जी ने संगीत जगत में अपार लोकप्रियता पायी। आज छठ (Chhath) पूजा के दिन उनके मधुर गीत देश-विदेश में भक्ति का अलौकिक वातावरण बना रहे होंगे। उन्हें वर्ष 2018 में कला के क्षेत्र में पद्म भूषण से भी सम्मानित किया गया था। उनका सुमधुर गायन अमर रहेगा। मैं उनके परिवारजन एवं प्रशंसकों के प्रति गहन शोक-संवेदना व्यक्त करती हूं।
पीएम मोदी (PM Modi) ने एक्स पोस्ट में लिखा कि सुप्रसिद्ध लोक गायिका शारदा सिन्हा जी (Sharda Sinha) के निधन से अत्यंत दुख हुआ है। उनके गाए मैथिली और भोजपुरी के लोकगीत पिछले कई दशकों से बेहद लोकप्रिय रहे हैं। आस्था के महापर्व छठ से जुड़े उनके सुमधुर गीतों की गूंज भी सदैव बनी रहेगी। उनका जाना संगीत जगत के लिए एक अपूरणीय क्षति है। शोक की इस घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिजनों और प्रशंसकों के साथ हैं।
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