बोकारो। झारखंड के बोकारो में दिवाली के मौके पर लगाई गई पटाखा दुकानों में भीषण आग लग गई। इस हादसे में करीब 30 दुकानें जलकर राख हो गईं। गनीमत रही कि कोई हताहत नहीं हुआ। बोकारो स्टील प्लांट और झारखंड सरकार की दमकल टीमों ने करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया।
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बोकारो जिले के चास में गरगा ब्रिज के पास खुली जगह पर जिला प्रशासन की अनुमति के बाद अस्थाई तौर पर पटाखा दुकानें लगाई जाती हैं। इस साल यहां 66 दुकानें लगाई गई थीं। जानकारी के मुताबिक, एक दुकान में जब पटाखा में आग लगी तो देखते ही देखते उसने कई दुकानों को अपनी चपेट में ले लिया। पटाखों में धमाके होने लगे और रॉकेट दागने लगे। जिससे दुकानदारों और ग्राहकों में भगदड़ मच गई। आग लगने की वजह से वहां काफी देर तक अफरा-तफरी मची रही। आग में जल रहे पटाखों से वहां काफी देर तक अफरा-तफरी मची रही।
इस बीच कई असामाजिक तत्वों ने मौके का फायदा उठाकर दुकानों से पटाखे और पैसे लूट लिए। बोकारो जिले के अपर समाहर्ता मुमताज अंसारी ने कहा कि कई शर्तों के साथ अस्थायी तौर पर दुकानें लगाने की अनुमति दी गई थी। दुकानदारों को आपदा प्रबंधन के नियमों का पालन करने का निर्देश दिया गया। जांच कराई जाएगी कि आखिर चूक कहां हुई और आग कैसे लगी।
घटना की सूचना मिलने पर बोकारो के भाजपा विधायक बिरंची नारायण समेत विभिन्न दलों के नेता मौके पर पहुंचे। उन्होंने कहा कि इस अग्निकांड में जिला प्रशासन की लापरवाही उजागर हुई है। जिस स्थान पर अस्थायी तौर पर दुकानें लगाने की अनुमति दी गई थी, वहां सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाने चाहिए थे, लेकिन प्रशासन ने इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया। उन्होंने कहा कि सभी प्रभावित दुकानदार गरीब तबके के हैं। उन्हें जिला प्रशासन की ओर से मुआवजा दिया जाना चाहिए।
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