नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा बुधवार को मौद्रिक नीति समिति (MPC) के फैसले की घोषणा की गई। केंद्रीय बैंक द्वारा रेपो दर (repo rate) को 6.5 प्रतिशत पर स्थिर रखा गया है। आरबीआई (RBI) गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि एमपीसी के छह में से पांच सदस्य रेपो दर (repo rate) को 6.5 प्रतिशत पर बनाए रखने के पक्ष में थे।
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ब्याज दरें (interest rates) स्थिर होने के साथ ही एमपीसी द्वारा मौद्रिक नीति रुख को समायोजन वापस लेने से बदलकर तटस्थ कर दिया गया है। इससे केंद्रीय बैंक (central bank) को मुद्रास्फीति की दिशा के अनुसार ब्याज दरें तय करने में मदद मिलेगी। RBI गवर्नर ने आगे कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में GDP विकास दर 7.2 प्रतिशत पर रह सकती है। हालांकि वित्त वर्ष 2024-25 की दूसरी तिमाही के लिए जीडीपी विकास दर अनुमान को घटाकर 7 प्रतिशत कर दिया गया, जो पहले 7.2 प्रतिशत था।
इसके अलावा वित्त वर्ष (financial year) 2024-25 की तीसरी तिमाही के लिए विकास दर अनुमान को बढ़ाकर 7.4 प्रतिशत कर दिया गया है, जो पहले 7.3 प्रतिशत था। वहीं वित्त वर्ष 2024-25 की चौथी तिमाही के लिए विकास दर अनुमान को बढ़ाकर 7.4 प्रतिशत कर दिया गया है, जो पहले 7.2 प्रतिशत था। वित्त वर्ष 2025-26 की पहली तिमाही के लिए विकास दर अनुमान को बढ़ाकर 7.3 प्रतिशत कर दिया गया है, जो पहले 7.2 प्रतिशत था। केंद्रीय बैंक (central bank) के अनुसार वित्त वर्ष 2024-25 में महंगाई दर 4.5 प्रतिशत रह सकती है।
इसके अलावा वित्त वर्ष (financial year) 2024-25 की दूसरी तिमाही में महंगाई दर का अनुमान 4.4 फीसदी से घटाकर 4.1 फीसदी, तीसरी तिमाही में महंगाई दर का अनुमान 4.7 फीसदी से बढ़ाकर 4.8 फीसदी और चौथी तिमाही में महंगाई दर का अनुमान 4.3 फीसदी से घटाकर 4.2 फीसदी कर दिया गया है। RBI गवर्नर दास ने कहा कि सितंबर के आंकड़ों में महंगाई बढ़ने का अनुमान है। इसका कारण खाद्य उत्पादों की कीमतें, प्रतिकूल आधार और हाल ही में बढ़ी धातु की कीमतें हैं।
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