बागपत। पाकिस्तान (Pakistan) के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) के भाई व परिवार का बागपत से नाम खत्म हो जाएगा। कोताना में शत्रु संपत्ति (Enemy Property) घोषित की गई उनकी जमीन की नीलामी (auction) शुरू हो गई है। इसमें आधी जमीन की नीलामी (auction) की प्रक्रिया पांच सितंबर तक पूरी हो जाएगी और रिकाॅर्ड में नया नाम दर्ज होगा।
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परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) के पिता मुशर्रफुद्दीन और माता बेगम जरीन कोताना गांव की रहने वालीं थीं। कोताना में दोनों की शादी हुई थी। वह वर्ष 1943 में दिल्ली जाकर रहने लगे थे, जहां परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) व उसके भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ का जन्म हुआ था। उनका परिवार वर्ष 1947 में बंटवारे के समय पाकिस्तान (Pakistan) में जाकर बस गया था। मगर दिल्ली के अलावा उनके परिवार की हवेली व खेती की जमीन कोताना में मौजूद है।
इसके अलावा कोताना की हवेली उनके चचेरे भाई हुमायूं के नाम दर्ज हो गई थी। परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) के भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ व परिवार के अन्य सदस्यों की जमीन को पंद्रह साल पहले शत्रु संपत्ति (Enemy Property) में दर्ज कर दिया गया था। कोताना में कुछ शत्रु संपत्ति खादर तो कुछ बांगर के रिकाॅर्ड में दर्ज है। शत्रु संपत्ति (Enemy Property) अभिरक्षक कार्यालय ने बांगर की संपत्ति की नीलामी (auction) शुरू कराई है जो पांच सितंबर तक ऑनलाइन पूरी होगी। इस संपत्ति के लिए करीब 37.5 लाख रुपये कम से कम बोली राशि तय की गई है।
कोताना ग्रमाीणों का कहना है कि परवेज मुशर्रफ (Pervez Musharraf) के स्वजन नूरू भी थे, जो पाकिस्तान (Pakistan) बनने के बाद भी 18 साल तक कोताना में में ही रहे। फिरवे 1965 में पाकिस्तान (Pakistan) चले गए। उनके नाम गांव में दो हेक्टेयर भूमि है, जिसे वर्ष 2010 में शत्रु संपत्ति (Enemy Property) के रूप में घोषित किया गया था। जिनकी नीलामी (auction) प्रक्रिया पांच सितंबर को होगी। इसकी प्रक्रिया चल रही है।
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