कोलकाता। कोलकाता (Kolkata) के आरजी कर मेडिकल कॉलेज (RG Kar Medical College) और अस्पताल में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस में आज सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हो रही है। इस दौरान चीफ जस्टिस (Chief Justice) धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ ने प्रदर्शनकारी डॉक्टरों (doctors) को काम पर लौटने को कहा। उन्होंने आश्वासन दिया कि उनके खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होगी।
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दरअसल भारत के चीफ जस्टिस (Chief Justice) ने गुरुवार को कोलकाता (Kolkata) में ट्रेनी डॉक्टर के साथ क्रूर बलात्कार और हत्या के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे डॉक्टरों से काम पर लौटने की अपील की। उन्होंने डॉक्टरों (doctors) को आश्वासन दिया कि अस्पतालों की तरफ से उनके खिलाफ कोई प्रतिकूल कार्रवाई नहीं की जाएगी। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सार्वजनिक अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टरों की लंबी ड्यूटी के घंटों पर भी ध्यान दिया।
चीफ जस्टिस (Chief Justice) डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा ने कहा कि उन सभी को काम पर लौटने दें। हम कुछ सामान्य आदेश पारित करेंगे। एक बार जब डॉक्टर (doctors) काम पर लौट आएंगे, तो हम अधिकारियों पर दबाव डालेंगे कि वे प्रतिकूल कार्रवाई न करें। अगर वे काम पर नहीं लौटेंगे तो सार्वजनिक प्रशासनिक ढांचा कैसे चलेगा? (Supreme Court) के सीजेआई ने कहा, सार्वजनिक अस्पतालों में एक पदानुक्रमित प्रकृति है और जूनियर डॉक्टर यौन उत्पीड़न ही नहीं बल्कि विभिन्न प्रकार के उत्पीड़न के प्रति संवेदनशील होते हैं। हमारे पास ईमेल की बाढ़ आ गई है। 48 या 36 घंटे की ड्यूटी ठीक नहीं है।
एम्स नागपुर (AIIMS Nagpur) के रेजिडेंट डॉक्टरों ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) को सूचित किया था कि कोलकाता (Kolkata) बलात्कार-हत्या मामले के विरोध में विरोध करने पर उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा है। इसपर चीफ जस्टिस (Chief Justice) ने कहा कि डॉक्टर के खिलाफ कोई भी कार्रवाई नहीं करेगा। अगर उसके बाद कोई परेशानी होती है तो हमारे पास आएं लेकिन पहले उन्हें काम पर आने दें।
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