नई दिल्ली। भ्रामक विज्ञापन (advertisement) मामले में बाबा रामदेव (Baba Ramdev) और आचार्य बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। कोर्ट ने दोनों के माफीनामा को स्वीकार कर लिया है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अवमानना से जुड़ा यह केस बंद कर दिया है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट में बाबा रामदेव (Baba Ramdev) ने माफीनामा पेश कर भविष्य में भ्रामक विज्ञापन (advertisement) नहीं देने का वादा किया था।
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बता दें कि यह मामला साल 2022 में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की ओर से दायर किया गया था। इसमें बाबा रामदेव (Baba Ramdev) की कंपनी पतंजलि (advertisement) पर आरोप लगाया था कि कंपनी ने कोविड वैक्सीन ड्राइव और आधुनिक चिकित्सा प्रणाली को बदनाम किया है। एडवाकेट गौतम तालुकदार ने कहा कि कोर्ट ने रामदेव (Baba Ramdev), बालकृष्ण (Acharya Balkrishna) और पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड द्वारा दिए गए वचनों के आधार पर केस बंद कर दिया है।
इसे पहले 14 मई को सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने अवमानना नोटिस पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था। शीर्ष अदालत इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) द्वारा दायर याचिका पर सुनवाई कर रही है, जिसमें कोविड टीकाकरण अभियान और चिकित्सा की आधुनिक प्रणालियों के खिलाफ एक बदनामी अभियान (advertisement) का आरोप लगाया गया है।
21 नवंबर, 2023 के आदेश में शीर्ष अदालत (Supreme Court) ने कहा था कि पतंजलि आयुर्वेद का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने कोर्ट को आश्वासन दिया था कि अब से किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं होगा। पतंजलि आयुर्वेद (Patanjali Ayurveda) ने कोर्ट से कहा था कि निर्मित और विपणन किए गए उत्पादों के विज्ञापन (advertisement) या ब्रांडिंग से संबंधित किसी भी कानून का उल्लंघन नहीं किया जाएगा।
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