महाराष्ट्र। महाराष्ट्र (Maharashtra) के हिंगोली, परभणी और नांदेड़ में बुधवार तड़के भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए। हालांकि इस भूकंप (Earthquake) से किसी तरह का जान-माल का नुकसान नहीं हुआ लेकिन दहशत के मारे लोग अपने घरों से बाहर जरूर निकल आए। मौसम विभाग (Meteorological Department) के विज्ञान केंद्र के अनुसार, रिक्टर स्केल पर भूकंप (Earthquake) की तीव्रता 4.5 मापी गई है।
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नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (National Center for Seismology) के अनुसार, सुबह करीब 7.14 बजे क्षेत्र में भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए। भूकंप (Earthquake) का केंद्र 10 किलोमीटर की गहराई पर था। बता दें कि इसी साल मार्च महीने में भी हिंगोली में भूकंप आया था। भूकंप (Earthquake) के यह झटके लगातार दो बार लगे थे। दूसरी बार आया झटका बेहद तेज था और काफी देर तक जमीन हिलती रही।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप की तीव्रता 4.5 रही थी। वहीं दूसरा भूकंप (Earthquake) का झटका पहले झटके के 10 मिनट बाद 6 बजकर 19 मिनट पर लगा। रिक्टर स्केल पर इसकी तीव्रता 3.6 थी। जिस समय भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए गए अधिकांश लोग सो रहे थे। वहीं इसी दिन अरुणाचल प्रदेश (Arunachal Pradesh) में भी दो बार सुबह भूकंप के झटके महसूस किए गए थे।
दरअसल पृथ्वी के नीचे मौजूद प्लेट्स जब एक जगह से दूसरी जगह खिसकती हैं तब भूकंप (Earthquake) के झटके महसूस किए जाते हैं। पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स होते हैं। ये धरती के नीचे लगातार घूमती रहती है। अगर भूकंप (Earthquake) की तीव्रता ज्यादा होती है तो इसके झटके काफी दूर तक महसूस किए जाते हैं। भूकंप आने के पीछे ग्लोबल वॉर्मिंग (Global warming) का भी सबसे बड़ा रोल होता है।
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