नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने दिल्ली जल बोर्ड मामले में दिल्ली, अहमदाबाद (Ahmedabad), मुंबई और हैदराबाद में छापेमारी की है। ईडी (ED) की छापेमारी में नकद 41 लाख रुपये, डिजिटल साक्ष्य और विभिन्न आपत्तिजनक दस्तावेज जब्त किए गए हैं। एजेंसी के दिल्ली जोनल कार्यालय (Zonal Office) ने 3 जुलाई को की गई छापेमारी के दौरान ये बरामदगी की।
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ईडी (ED) ने मेसर्स यूरोटेक एनवायर्नमेंटल प्राइवेट लिमिटेड और अन्य के खिलाफ आईपीसी, 1860 और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की विभिन्न धाराओं के तहत एसीबी, जीएनसीटीडी, नई दिल्ली (New Delhi) द्वारा दर्ज की गई एफआईआर (FIR) के आधार पर जांच शुरू की, जिसमें डीजेबी में घोटाले का आरोप लगाया गया था। छापेमारी में नकद, कुछ दस्तावेज (documents) और डिजिटल साक्ष्य मिले हैं।
एफआईआर (FIR) में आरोप लगाया गया है कि सभी चार निविदाओं में केवल तीन (3) संयुक्त उद्यम (जेवी) कंपनियों ने भाग लिया। जहां 2 जेवी को एक-एक टेंडर मिला। वहीं 1 जेवी को 2 टेंडर मिले। यह सुनिश्चित करने के लिए कि प्रत्येक को निविदा मिले, 3 संयुक्त उद्यमों ने 4 एसटीपी निविदाओं में पारस्परिक रूप से भाग लिया।
एफआईआर (FIR) में आरोप लगाया गया है कि निविदा की शर्तों को आईएफएएस (IFAS) प्रौद्योगिकी को अपनाने सहित प्रतिबंधात्मक बना दिया गया था ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कुछ चुनिंदा संस्थाएं 4 निविदाओं में भाग ले सके। शुरू में तैयार किया गया लागत अनुमान 1546 करोड़ था, लेकिन टेंडर प्रक्रिया के दौरान इसे संशोधित कर 1943 करोड़ कर दिया गया। यह भी आरोप लगाया गया है कि 3 जेवी को बढ़ी हुई दरों पर ठेके दिए गए, जिससे सरकारी खजाने को काफी नुकसान हुआ।
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