23.5 C
Lucknow
Friday, November 22, 2024

24 साल पुराने मामले में सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को 5 महीने की जेल

Print Friendly, PDF & Email

नई दिल्ली। दिल्ली की एक अदालत (Delhi court) ने सोमवार को सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर (Medha Patkar) को 24 साल पुराने मानहानि के मुकदमे (defamation case) में 5 महीने की साधारण कैद की सजा सुनाई है। यह मुकदमा वीके सक्सेना (VK Saxena) ने दायर किया था। वीके सक्सेना (VK Saxena) अब दिल्ली के उपराज्यपाल हैं।

यह भी पढ़ें-संसद में खूब गरजे राहुल गांधी, बोले- ‘भाजपा सिर्फ हिंसा कराती है’

अदालत ने पाटकर (Medha Patkar) को सक्सेना (VK Saxena) को 10 लाख रुपये हर्जाना देने का भी आदेश दिया। कोर्ट ने 23 साल पुराने आपराधिक मानहानि मामले (defamation case) में यह फैसला सुनाया है। यह केस दिल्ली के उपराज्यपाल से जुड़ा है। दिल्ली के उपराज्यपाल ने साल 2001 में नर्मदा बचाओ आंदोलन की कार्यकर्ता मेधा पाटकर (Medha Patkar) के खिलाफ मानहानि की याचिका दाखिल की थी। उन्होंने अपनी याचिका में कहा कि पाटकर द्वारा उनके खिलाफ झूठे आरोप, व्यंग्यपूर्ण अभिव्यक्ति और लांछन लगाया गया।

मेधा पाटकर (Medha Patkar) ने अपने और नर्मदा बचाओ आंदोलन के खिलाफ विज्ञापन को लेकर वी के सक्सेना के खिलाफ मानहानि केस (defamation case) किया था। वहीं सक्सेना ने अपमानजनक बयानबाजी करने के लेकर मेधा पाटकर पर मानहानि के दो केस (defamation case) दर्ज कराए थे। दिल्ली की साकेत कोर्ट (Delhi court) में इस मामले की सुनवाई हुई और अदालत ने सामाजिक कार्यकर्ता मेधा पाटकर को दोषी पाया।

साकेत की अदालत ने आपराधिक मानहानि मामले (defamation case) में मेधा पाटकर (Medha Patkar) को मई महीने में ही दोषी करार दिया था। तत्कालीन केवीआईसी अध्यक्ष एवं वर्तमान में दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना (VK Saxena) की ओर से नर्मदा बचाओ आंदोलन कार्यकर्ता मेधा पाटकर के खिलाफ मानहानि मामले (defamation case) में याचिका दायर की गई थी। साकेत कोर्ट के मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट राघव शर्मा ने पाटकर को आपराधिक मानहानि का दोषी पाया था।

Tag: #nextindiatimes #MedhaPatkar #defamationcase

RELATED ARTICLE

close button