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Friday, November 22, 2024

प्राण प्रतिष्ठा के लिए आज से शुरू हुआ 7 दिनों का अनुष्ठान, जानें कब क्या होगा?

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अयोध्या। अयोध्या (Ayodhya) में वह शुभ घड़ी अब नजदीक आ गई है जब 22 जनवरी 2024 को देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) अयोध्या के राम मंदिर में रामलला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा (Pran Pratishtha) करेंगे। पीएम मोदी (PM Modi) द्वारा अभिषेक के बाद 70 एकड़ में फैला यह मंदिर भक्तों के लिए खोल दिया जाएगा।

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इसके लिए पूजा और अनुष्ठान का सिलसिला आज मंगलवार यानी 16 जनवरी से शुरू हो हो गया है, जो 22 जनवरी तक चलेगा। चलिए बताते हैं आपको 16 से 22 जनवरी तक प्राण प्रतिष्ठा (Pran Pratishtha) से जुड़ी पूजा प्रक्रिया (rituals) में किस दिन क्या होगा….

-16 जनवरी को प्रायश्चित्त और कर्मकूटि पूजन
-17 जनवरी को मूर्ति का परिसर प्रवेश
-18 जनवरी को गर्भ गृह में राम लला की मूर्ति विराजित होगी। साथ ही जल यात्रा, जलाधिवास, गंधाधिवास और तीर्थ पूजन होगा।
-19 जनवरी को घृताधिवास, औषधाधिवास, केसराधिवास, धान्याधिवास पूजन ।
-20 जनवरी को फलाधिवास, पुष्पाधिवास, शर्कराधिवास पूजन।
-21 जनवरी को मध्याधिवास, शय्याधिवास पूजन।
-22 जनवरी को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा (Pran Pratishtha) होगी।

बता दें कि राम मंदिर में 121 आचार्य होंगे जो समारोह की सभी अनुष्ठान प्रक्रियाओं (Pran Pratishtha) का समन्वय, समर्थन और मार्गदर्शन करेंगे। गणेश्वर शास्त्री द्रविड़ सभी प्रक्रियाओं की निगरानी, समन्वय और मार्गदर्शन करेंगे। काशी के लक्ष्मीकांत दीक्षित मुख्य आचार्य होंगे। 18 जनवरी को रामलला की गहरे रंग की मूर्ति गर्भगृह में स्थापित की जाएगी। इस मूर्ति को कर्नाटक के अरुण योगीराज (Arun Yogiraj) ने बनाया है।

LIVE: अयोध्या में आज से शुरू होंगे प्राण-प्रतिष्ठा के अनुष्ठान, कल नए मंदिर  में प्रवेश करेंगे राम लला - Rituals of consecration will begin in Ayodhya  from today Ram Lala will ...

मैसूर के प्रसिद्ध मूर्तिकारों के परिवार से आने वाले अरुण योगीराज (Arun Yogiraj) वर्तमान में देश में सबसे अधिक मांग वाले मूर्तिकार हैं। अरुण के पिता योगीराज भी एक कुशल मूर्तिकार हैं। अरुण योगीराज के दादा बसवन्ना शिल्पी को मैसूर के राजा का संरक्षण प्राप्त था। अरुण योगीराज (Arun Yogiraj) भी बचपन से ही नक्काशी के काम से जुड़े रहे हैं। जानकारी के मुताबिक अरुण एमबीए पूरा करने के बाद उन्होंने कुछ समय तक एक निजी कंपनी में काम किया। लेकिन मूर्तिकला पेशे में उनकी जन्मजात कुशलता के कारण उनका काम करने में मन नहीं लगा। इसके बाद 2008 से उन्होंने नक्काशी के क्षेत्र में अपना करियर जारी रखा।

Tag: #nextindiatimes #PranPratishtha #rammandir #ayodhya

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